Vikrant Shekhawat : Apr 15, 2022, 06:21 PM
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारतीय मूल के लोग दुनिया में जहां कहीं भी हैं, वहां उन्होंने भारत की पहचान को जीवित रखा है। उन्होंने अपने देश के हजारों मील दूर भी अपनी सांस्कृतिक पहचान बनाए रखने के लिए भारतीय-अमेरिकी नागरिकों की सराहना की। राजनाथ वाशिंगटन में आयोजित टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता में शामिल होने के लिए यहां आए थे। इसके बाद उन्होंने हवाई और फिर सैन फ्रांसिस्को की यात्रा भी की। अपनी पांच दिवसीय अमेरिका यात्रा को सफल बताते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि मैंने अपने अमेरिकी समकक्ष लॉयड ऑस्टिन के साथ मुलाकात की। उन्होंने ऑस्टिन के साथ सोमवार को द्विपक्षीय वार्ता की थी। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग समेत विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया था।गुरुवार को सैन फ्रांसिस्कों में भारतीय वाणिज्य दूतावास की ओर से राजनाथ सिंह के सम्मान में एक स्वागत समारोह आयोजित किया गया था। यहां सिंह ने भारतीय-अमेरिकी लोगों के समूह से कहा कि मैं आपको इस पूरी भारतीय पहचान को बरकरार रखने के लिए बधाई देता हूं। भारत से बाहर रहने वाले भारतीय हमेशा खुद को भारतीय कहने में गर्व महसूस करते हैं।राजनाथ ने जोर देते हुए कहा कि दोनों देशों के संबंधों में स्थिरता और निरंतरता है। इसे बनाए रखने में दोनों देशों की अहम भूमिका रही है। सिंह ने कहा कि भारतीय प्रवासी अमेरिका में नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ते रहे हैं और इस रिश्ते में उनकी खास भूमिका रही है। भारतीय मूल के लोग यहां जो उपलब्धि हासिल करते हैं, उस पर भारत के लोग हमेशा गौरवान्वित होते हैं। चीन को दिया कड़ा संदेश, भारत को कोई छेड़ेगा तो हम छोड़ेंगे नहींइसके साथ ही अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान राजनाथ सिंह ने चीन को भी कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि अगर हमें नुकसान पहुंचा तो भारत किसी को नहीं छोड़ेगा। राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक शक्तिशाली देश के रूप में उभरा है और हम दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।उन्होंने कहा कि चीन को स्पष्ट रूप से यह संदेश गया है भारत को अगर कोई छेड़ेगा तो भारत छोड़ेगा नहीं। साथ ही, भारतीय-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करते हुए सिंह ने नर्म शब्दों में अमेरिका को भी एक संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भारत कूटनीति में विश्वास करता है और किसी देश के साथ हमारे संबंध किसी अन्य देश के साथ संबंधों की कीमत पर नहीं हो सकते।