Vikrant Shekhawat : Sep 17, 2024, 06:11 PM
Asian Champions Trophy: एशियन चैंपियंस ट्रॉफी 2024 में भारतीय हॉकी टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए चीन को 1-0 से हराकर खिताब अपने नाम किया। इस जीत के साथ ही भारत ने पांचवीं बार इस प्रतिष्ठित ट्रॉफी को अपने नाम किया है। चीन, जिसने पहली बार फाइनल में जगह बनाई थी, को इस बार फाइनल की पहली बार ही हार का सामना करना पड़ा।तीन क्वार्टर तक संघर्षमैच के पहले तीन क्वार्टर तक दोनों टीमों की ओर से गोल नहीं हो सके। पहले क्वार्टर में भारत ने कई प्रयास किए, लेकिन गोल करने में नाकाम रहा। भारतीय टीम को पेनल्टी कॉर्नर भी मिला, लेकिन वह मौके का फायदा नहीं उठा पाई। दूसरे क्वार्टर में भी स्थिति वैसी ही रही, जहाँ चीन के मजबूत डिफेंस ने भारतीय खिलाड़ियों को गोल करने से रोके रखा। तीसरे क्वार्टर में चीन ने कुछ आक्रमण किए, लेकिन भारतीय गोलकीपर कृष्णा पाठक की बेहतरीन गोलकीपिंग ने सभी प्रयासों को विफल कर दिया।जुगराज सिंह का निर्णायक गोलजब मैच के तीसरे क्वार्टर के अंत के करीब था और लग रहा था कि मुकाबला पेनल्टी शूटआउट में जाएगा, तब जुगराज सिंह ने भारतीय टीम के लिए एक बेहतरीन मैदानी गोल किया। इस गोल ने भारत को 1-0 की बढ़त दिला दी और टीम की जीत की उम्मीदें मजबूत कर दीं। इस निर्णायक गोल ने न केवल मैच का परिणाम बदल दिया, बल्कि भारत को ट्रॉफी जिताने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चीन के पास अब गोल करने का कोई मौका नहीं बचा था और भारतीय टीम ने रक्षा में उत्कृष्टता दिखाते हुए जीत सुनिश्चित की।भारत की एशियन चैंपियंस ट्रॉफी पर पांचवी बार कब्जाएशियन चैंपियंस ट्रॉफी 2024 में भारतीय हॉकी टीम का प्रदर्शन अविस्मरणीय रहा। टीम ने पूरे टूर्नामेंट में एक भी मैच नहीं हारा और सेमीफाइनल में साउथ कोरिया को 4-1 से हराया था। इस मुकाबले में हरमनप्रीत सिंह, उत्तम सिंह, और जरमनप्रीत सिंह ने शानदार गोल किए थे। भारत की यह पांचवीं एशियन चैंपियंस ट्रॉफी जीत है। इससे पहले भारत ने 2011, 2016, 2018 (पाकिस्तान के साथ संयुक्त विजेता) और 2023 में इस ट्रॉफी को जीता था।टूर्नामेंट में अपनी शानदार खेल के लिए हरमनप्रीत सिंह को "प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट" का अवार्ड मिला। उनकी कप्तानी और समर्पण ने भारतीय टीम को सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचाया।इस प्रकार, एशियन चैंपियंस ट्रॉफी 2024 भारतीय हॉकी के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ, जिसमें जुगराज सिंह के अंतिम क्षणों का गोल ने भारत की जीत को सुनिश्चित किया।