चीन को जवाब देने की तैयारी / अरब सागर में अमेरिकी नौसेना के टैंकर से ईंधन भर रहे भारतीय युद्धपोत

एलएसी पर भारत-चीन के बीच जारी सीमा विवाद के बीच भारत अन्य देशों के साथ दोस्ती बढ़ाने में लगा हुआ है। कुछ वक्त पहले भारतीय वायुसेना में लड़ाकू विमान राफेल की एंट्री हुई है। वायुसेना के बाद जल सेना की भी ताकत में इजाफा करने की लगातार कोशिश की जा रही है।बता दें कि भारत और अमेरिका ने समुद्र क्षेत्र में दोनों देशों की सेनाओं को मजबूत करने के लिए लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट को पर हस्ताक्षर किया था।

News18 : Sep 15, 2020, 06:21 AM
नई दिल्ली। एलएसी पर भारत-चीन के बीच जारी सीमा विवाद के बीच भारत अन्य देशों के साथ दोस्ती बढ़ाने में लगा हुआ है। कुछ वक्त पहले भारतीय वायुसेना में लड़ाकू विमान राफेल की एंट्री हुई है। वायुसेना के बाद जल सेना की भी ताकत में इजाफा करने की लगातार कोशिश की जा रही है। सोमवार को भारतीय युद्धपोत आईएनएस तलवार ने उत्तरी अरब सागर में अमेरिकी नौसेना के टैंकर यूएसएनएस युकोन के साथ एक रक्षा समझौते के प्रावधानों का उपयोग करते हुए ईंधन भरने का काम किया।

इस बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए भारतीय नौसेना के प्रवक्ता ने ट्वीट किया, 'उत्तरी अरब सागर में मिशन आधारित तैनाती पर INS तलवार ने LEMOA के तहत US नेवी फ्लीट टैंकर USNS युकोन के साथ ईंधन भरने का काम किया। दोनों सेनाओं का ये कदम समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने की उपस्थिति को सक्षम बनाता है।'

क्या है लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट?

बता दें कि भारत और अमेरिका ने समुद्र क्षेत्र में दोनों देशों की सेनाओं को मजबूत करने के लिए लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (LEMOA) को  पर हस्ताक्षर किया था। ये समझौता 2016 में हुआ था। इसके तहत भारत और अमेरिका की सेनाएं एक-दूसरे के सैन्य हवाई अड्डे और बंदरगाह का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस समझौते के बाद दोनों देशों के रक्षा सहयोग काफी मजबूत हुए हैं।  भारत ने फ्रांस, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ ऐसे ही समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।