नई दिल्ली / इंद्राणी मुखर्जी का सरकारी गवाह बनना चिदंबरम को पड़ा भारी, उसी के बयान पर दर्ज हुआ केस- सूत्र

पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ जो केस दर्ज हुआ है, वह पीटर मुखर्जी के पत्नी इंद्राणी मुखर्जी के बयान के आधार पर ही दर्ज हुआ है. इंद्राणी मुखर्जी ने अपने बयाने में कहा था कि एफआईपीबी मंजूरी में हुए उल्लंघन को कथित तौर पर रफा-दफा करने के लिये 10 लाख डॉलर की कार्ति की मांग को दंपति ने कबूल कर ली थी. इंद्राणी 11 जुलाई को सीबीआई मामले में इकबालिया गवाह बन गई थी.

NDTV : Aug 22, 2019, 03:23 PM
नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ जो केस दर्ज हुआ है, वह पीटर मुखर्जी के पत्नी इंद्राणी मुखर्जी के बयान के आधार पर ही दर्ज हुआ है. यह जानकारी एनडीटीवी को सूत्रों ने दी है. इंद्राणी मुखर्जी ने अपने बयाने में कहा था कि एफआईपीबी मंजूरी में हुए उल्लंघन को कथित तौर पर रफा-दफा करने के लिये 10 लाख डॉलर की कार्ति की मांग को दंपति ने कबूल कर ली थी. इंद्राणी 11 जुलाई को सीबीआई मामले में इकबालिया गवाह बन गई थी. पीटर मुखर्जी और इंद्राणी का नाम आईएनएक्स मीडिया द्वारा प्राप्त धन के लिये 2007 में विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की अवैध तरीके से मंजूरी हासिल करने से संबंधित मामले में सामने आया था.

इंद्राणी आईएनएक्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड की पूर्व निदेशक है. मीडिया कारोबारी पीटर मुखर्जी और उनकी पत्नी इंद्राणी मुखर्जी दोनों शीना बोरा हत्याकांड में जेल में बंद हैं. शीना बोरा इंद्राणी और उनके पहले पति की बेटी थी.प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपने मामले पर बहस करने के लिए इंद्राणी मुखर्जी के बयान को आधार बनाया. दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को पी चिदंबरम को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद वह बुधवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से उन्हें फौरी राहत नहीं मिली. बुधवार शाम को सीबीआई ने चिदंबरम को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया. 

सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि इंद्राणी मुखर्जी ने प्रवर्तन निदेशालय को बताया कि चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश की मंजूरी के बदले में कार्ति चिदंबरम की उसके कारोबार में मदद करने के लिए कहा था. 

बता दें, तमिलनाडु के शिवगंगा से सांसद कार्ति फिलहाल जमानत पर हैं. उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय ने 23 मार्च 2018 को जमानत दी थी. सीबीआई ने 15 मई 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें मीडिया समूह को 2007 में 305 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश हासिल करने के लिये अवैध तरीके से एफआईपीबी मंजूरी दिये जाने का आरोप लगाया गया था. उस वक्त चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे. इसके बाद ईडी ने भी कंपनी के संस्थापकों पीटर और इंद्राणी मुखर्जी और अन्य के खिलाफ धन शोधन कानून के तहत मामला दर्ज किया था. कार्ति को 28 फरवरी 2018 को सीबीआई ने ब्रिटेन से उनके लौटने के बाद गिरफ्तार किया था.

सीबीआई ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया से संबंधित मामले में एक नाटकीय घटनाक्रम के बाद बुधवार रात को गिरफ्तार कर लिया. एजेंसी के अधिकारी पूर्व वित्त मंत्री को उनके आवास से सीबीआई मुख्यालय ले गये. इससे पहले चिदंबरम कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करने के बाद अपने आवास पर पहुंचे थे. सीबीआई के अधिकारियों की टीम दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ जोर बाग स्थित चिदंबरम के आवास पर पहुंची. कुछ देर मुख्य दरवाजा खटखटाने के बाद अधिकारियों ने परिसर की दीवार फांदकर घर में प्रवेश किया. सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा कि चिदंबरम को एक सक्षम अदालत द्वारा जारी वारंट के आधार पर गिरफ्तार किया गया है.