अर्थव्यवस्था / भारत में महंगाई 'असुविधाजनक रूप से अधिक', एशिया के 2 देशों में यह स्थिति: मूडीज़

मूडीज़ एनालिटिक्स ने मंगलवार को बताया कि भारत में महंगाई दर 'असुविधाजनक रूप से अधिक' है। साथ ही मूडीज़ का यह भी कहना है कि ऐसी स्थिति एशिया के केवल 2 देशों, भारत और फिलीपींस में है। बकौल मूडीज़ एनालिटिक्स, तेल के बढ़ते दाम खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी करेंगे जो आगे भी आरबीआई को दरों में कटौती से रोकेगा।

Vikrant Shekhawat : Mar 31, 2021, 01:07 PM
नई दिल्ली: फाइनेंसियल इंटेलिजेंस कंपनी Moody’s Analytics के मुताबिक भारत में महंगाई का स्तर एक सीमा से भी अधिक (Uncomfortably High) है. मूडीज के मुताबिक एशिया के अन्य देशों के मुकाबले भारत में महंगाई का स्तर अपवाद रूप में बहुत अधिक है. मूडीज एनालिटिक्स के मुताबिक महंगे तेल के चलते खुदरा महंगाई में बढ़ोतरी हो सकती है और इसके चलते केंद्रीय बैंक RBI पर आगे भी दरों में कटौती को लेकर दबाव रह सकता है.

जनवरी 2021 में खुदरा महंगाई दर 4.1 फीसदी थी जो फरवरी में बढ़कर 5 फीसदी हो गई. आरबीआई मौद्रिक नीतियों पर फैसला लेते समय खुदरा महंगाई को भी ध्यान में रखता है. कोर इंफ्लेशन (फूड, फ्यूल और लाईट छोड़कर) फरवरी मे 5.6 फीसदी था जबकि जनवरी में यह 5.3 फीसदी था. मूडीज एनालिटिक्स के मुताबिक एशिया में सिर्फ भारत और फिलीपींस में महंगाई कंफर्ट लेवल से अधिक है.

दो एशियाई देशों में महंगाई कंफर्ट लेवल से बाहर

मैक्रो राउंडअप में मूडीज एनालिटिक्स का कहना है कि एशिया के अधिकतर देशों में महंगाई लगभग नियंत्रण में है और इस साल 2021 में महंगे तेल व सामान्य होती आर्थिक गतिविधियों के चलते उसमें धीरे-धीरे बढ़ोतरी होगी. मूडीज एनालिटिक्स के मुताबिक एशिया में सिर्फ भारत और फिलीपींस दो ऐसे देश हैं जहां महंगाई कंफर्ट लेवल्स से अधिक है. इसके चलते पॉलिसीमेकर्स के सामने चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. ब्रेंट क्रूड इस साल 26 फीसदी महंगा हुआ है और इसके भाव 64 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के करीब चल रहे हैं. पिछले साल मार्च 2020 में ब्रेंट क्रूड के भाव 30 डॉलर के करीब थे जबकि कोरोना संकट अपने पीक पर था.

महंगाई के चलते RBI को नीतियों के निर्धारण में चुनौती

मूडीज एनालिटिक्स के मुताबिक भारत में महंगाई बहुत चिंता का विषय बना हुआ है. वोलेटाइल फूड प्राइसेज और महंते तेल के चलते पिछले साल 2020 में कई बार खुदरा महंगाई दर 6 फीसदी के अपर बैंड को भी पार कर गई. इसके चलते आरबीआई को कोरोना महामारी के दौरान मौद्रिक नीतियों के निर्धारण में बहुत चुनौतियां आई. मॉनीटरी पॉलिसी फ्रेमवर्क के तहत आरबीआई ने खुदरा महंगाई को 4 फीसदी (2 फीसदी कम या अधिक) पर बरकरार रखने का लक्ष्य निर्धारित किया है.