Vikrant Shekhawat : Oct 14, 2021, 06:31 PM
मास्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने कहा है कि इराक और सीरिया के आतंकी "सक्रिय रूप से" अफगानिस्तान में दाखिल हो रहे हैं.रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने बुधवार को कहा "अफगानिस्तान में स्थिति आसान नहीं है" उन्होंने यह बात पूर्व सोवियत राज्यों के सुरक्षा सेवा प्रमुखों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान कही. पुतिन ने कहा, "सैन्य अभियानों में अनुभव के साथ इराक और सीरिया के आतंकवादी वहां सक्रिय रूप से खिंचे चले जा रहे हैं" पुतिन ने आगे कहा, "यह संभव है कि आतंकवादी पड़ोसी देशों में स्थिति को अस्थिर करने की कोशिश कर सकते हैं" उन्होंने चेतावनी दी कि वे "प्रत्यक्ष विस्तार" की कोशिश भी कर सकते हैं. पुतिन बार-बार आतंकवादी समूहों के सदस्यों को अफगानिस्तान में राजनीतिक उथल-पुथल का फायदा उठाकर बतौर शरणार्थी पूर्व सोवियत देशों में आने की चेतावनी दे चुके हैं जबकि मॉस्को काबुल में नए तालिबान नेतृत्व के बारे में सतर्क रूप से आशावादी रहा है. क्रेमलिन मध्य एशिया में फैली अस्थिरता के बारे में चिंतित है जहां उसके सैन्य ठिकाने हैं. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के मद्देनजर रूस ने ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के साथ सैन्य अभ्यास किया, जहां वह सैन्य अड्डा संचालित करता है. दोनों देश अफगानिस्तान के साथ सीमा साझा करते हैं. इसी वीडियो कॉन्फ्रेंस में ताजिकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुख, साइमुमिन यतिमोव ने बताया कि उन्होंने अफगानिस्तान से अपने देश में "ड्रग्स, हथियार, गोला-बारूद की तस्करी" के प्रयासों में "तेजी" दर्ज की है. अफीम का उत्पादक अफगानिस्तान लंबे समय से अफीम और हेरोइन का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक रहा हैइसी के कारोबार से तालिबान को फंडिंग के भी आरोप लगते रहे हैं. तालिबान का कहना है कि वह मध्य एशियाई देशों के लिए खतरा नहीं है. इस क्षेत्र में पूर्व सोवियत गणराज्यों को पहले अफगानी आतंकियों के सहयोगियों के हमले के लिए जिम्मेदार ठहरा जा चुका है. पिछले हफ्ते अफगानिस्तान में क्रेमलिन के दूत जमीर काबुलोव ने कहा था कि रूस 20 अक्टूबर को होने वाली अफगानिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय वार्ता के लिए तालिबान को मॉस्को आमंत्रित करेगा. इससे पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अफगानिस्तान के मुद्दे पर जी 20 में हिस्सा लेते हुए कहा था कि अफगानिस्तान आतंकवाद का अड्डा न बने. उन्होंने कट्टरपंथ, आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी के गठजोड़ के खिलाफ संयुक्त लड़ाई का आह्वान किया, साथ ही अफगान नागरिकों के लिये तत्काल और निर्बाध मानवीय सहायता का आह्वान किया. मोदी ने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया कि अफगान क्षेत्र क्षेत्रीय या वैश्विक स्तर पर कट्टरपंथ और आतंकवाद का अड्डा नहीं बनना चाहिए.