MSC 2025 / अमेरिकी सीनेटर को जयशंकर ने किया लाजवाब, जानें किस बात पर कर दी बोलती बंद

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में अमेरिकी सीनेटर एलिसा स्लॉटकिन के बयान पर करारा जवाब दिया। स्लॉटकिन ने कहा था कि लोकतंत्र भोजन उपलब्ध नहीं कराता, जिस पर जयशंकर ने कहा, "भारत 80 करोड़ लोगों को पोषण सहायता और भोजन देता है।" उन्होंने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का जिक्र किया

MSC 2025: विदेश मंत्री एस. जयशंकर अपने तार्किक और सटीक बयानों के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में, उन्होंने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन (MSC) में एक पैनल चर्चा के दौरान अमेरिकी सीनेटर एलिसा स्लोटकिन के बयान का प्रभावी ढंग से जवाब दिया। स्लोटकिन ने कहा था कि "लोकतंत्र मेज पर खाना नहीं परोसता," लेकिन इस कथन को खारिज करते हुए जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत में लोकतंत्र वास्तव में 80 करोड़ लोगों को भोजन उपलब्ध कराने में सक्षम है।

जयशंकर का बेबाक जवाब

जयशंकर ने पैनल चर्चा के दौरान कहा, "सीनेटर, आपने कहा कि लोकतंत्र आपकी मेज पर भोजन नहीं रखता है। वास्तव में, दुनिया के मेरे हिस्से में, यह ऐसा करता है। आज, हम एक लोकतांत्रिक समाज हैं और हम 80 करोड़ लोगों को पोषण सहायता और भोजन उपलब्ध कराते हैं।" उनका यह बयान स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) का संदर्भ दे रहा था, जिसके तहत केंद्र सरकार बड़े पैमाने पर खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है।

भारत में खाद्य सुरक्षा: 80.67 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज

भारत सरकार ने 1 जनवरी 2023 से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को लागू किया है। यह योजना 80.67 करोड़ लोगों को मुफ्त खाद्यान्न प्रदान करती है। इस योजना के तहत:

  • अंत्योदय अन्न योजना (AAY) के अंतर्गत प्रत्येक परिवार को प्रति माह 35 किलोग्राम खाद्यान्न मुफ्त दिया जाता है।

  • प्राथमिकता वाले परिवारों (PHH) को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है।

यह योजना 1 जनवरी 2024 से अगले पांच वर्षों तक बढ़ा दी गई है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि गरीब और वंचित तबकों को भोजन की कोई कमी न हो।

म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में लोकतंत्र और वैश्विक राजनीति पर चर्चा

MSC-2025 के दौरान, ‘एक और दिन वोट करने के लिए जियें: लोकतांत्रिक लचीलेपन को मजबूत करना’ विषय पर पैनल चर्चा का आयोजन किया गया। इसमें एस. जयशंकर के अलावा नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर, अमेरिकी सीनेटर एलिसा स्लोटकिन और वारसॉ के महापौर रफाल त्रजास्कोव्सकी शामिल थे। जयशंकर ने इस मंच का उपयोग भारत को एक प्रभावी लोकतंत्र के रूप में प्रस्तुत करने के लिए किया और मौजूदा वैश्विक राजनीतिक निराशावाद के प्रति असहमति जताई।

‘X’ पर जयशंकर की प्रतिक्रिया

एस. जयशंकर ने इस महत्वपूर्ण चर्चा के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:

"MSC-2025 की शुरुआत ‘एक और दिन वोट करने के लिए जियें: लोकतांत्रिक लचीलापन मजबूत करना’ विषय पर पैनल चर्चा से हुई। इसमें प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर, इलिसा स्लॉटकिन और त्रजास्कोव्स्की भी शामिल हुए। भारत को एक प्रभावी लोकतंत्र के रूप में रेखांकित किया। मौजूदा राजनीतिक निराशावाद के प्रति असहमति जताई। विदेशी हस्तक्षेप पर अपने विचार रखे।"

निष्कर्ष

एस. जयशंकर का यह बयान न केवल भारत के लोकतांत्रिक और सामाजिक सुरक्षा मॉडल को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत किस प्रकार अपनी नीतियों के माध्यम से करोड़ों नागरिकों को बुनियादी आवश्यकताएँ प्रदान कर रहा है। उनकी प्रतिक्रिया ने स्पष्ट किया कि लोकतंत्र न केवल राजनीतिक स्वतंत्रता प्रदान करता है, बल्कि आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा भी सुनिश्चित कर सकता है।