News18 : Dec 19, 2019, 03:49 PM
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध के दौरान जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में हुई हिंसा के बाद अब दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने अब मामले की सुनवाई के लिए 4 फरवरी की तारीख तय की है। इस दौरान छात्रों का पक्ष रखते हुए वकील ने कोर्ट को कुछ वीडियोज का हवाला दिया और कहा कि इनमें कुछ पुलिसकर्मी बस की सीट पर कुछ डाल रहे हैं जिससे यह दिखाया जा सके कि छात्रों ने ही बस को जलया था और पुलिस को एक्शन का मौका मिल जाए।छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई पर रोक की मांग ठुकराई
इस दौरान छात्रों का पक्ष रख रहे वकील ने कोर्ट के समक्ष मांग रखी कि छात्रों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर रोक लगाई जाए। इस पर कोर्ट ने उनकी मांग को खारिज कर दिया। इस दौरान कोर्ट ने छात्रों की गिरफ्तारी पर रोक की मांग को भी सिरे से खारिज कर दिया। इसके साथ ही छात्रों का पक्ष रख रहे वकील कॉलिन ने कहा कि इस दौरान कुछ पुलिसकर्मियों ने मोटरसाइकिलें भी तोड़ीं। उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है और पुलिस के एक्शन के खिलाफ भी मामला दर्ज होना चाहिए।छात्रों का होना चाहिए मुफ्त इलाजवकील ने कहा कि हमारे पास पुलिस कार्रवाई के दौरान घायल हुए छात्रों की लिस्ट है। उन्होंने मांग रखी कि सभी घायल छात्रों का मुफ्त इलाज होना चाहिए। वहीं एक याचिकाकर्ता कि तरफ से सलमान खुर्शीद ने भी अपना पक्ष रखा।
इस दौरान छात्रों का पक्ष रख रहे वकील ने कोर्ट के समक्ष मांग रखी कि छात्रों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर रोक लगाई जाए। इस पर कोर्ट ने उनकी मांग को खारिज कर दिया। इस दौरान कोर्ट ने छात्रों की गिरफ्तारी पर रोक की मांग को भी सिरे से खारिज कर दिया। इसके साथ ही छात्रों का पक्ष रख रहे वकील कॉलिन ने कहा कि इस दौरान कुछ पुलिसकर्मियों ने मोटरसाइकिलें भी तोड़ीं। उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है और पुलिस के एक्शन के खिलाफ भी मामला दर्ज होना चाहिए।छात्रों का होना चाहिए मुफ्त इलाजवकील ने कहा कि हमारे पास पुलिस कार्रवाई के दौरान घायल हुए छात्रों की लिस्ट है। उन्होंने मांग रखी कि सभी घायल छात्रों का मुफ्त इलाज होना चाहिए। वहीं एक याचिकाकर्ता कि तरफ से सलमान खुर्शीद ने भी अपना पक्ष रखा।