AajTak : Sep 02, 2020, 07:13 AM
Delhi: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार द्वारा अयोध्या में दी गई वैकल्पिक जगह (बाबरी मस्जिद के खिलाफ) में यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड मस्जिद बनाएगा। इस मस्जिद की डिजाइन जामिया मिलिया इस्लामिया के डीन आर्किटेक्चर प्रो एसएम अख्तर करेंगे। ये जानकारी जामिया मिलिया इस्लामिया की ओर से दी गई है।
प्रो एसएम अख्तर ने बताया कि अयोध्या में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने उन्हें जिम्मेदारी दी है। उन्होंने बताया कि अयोध्या में सिर्फ मस्जिद नहीं बल्कि उस जमीन पर पूरा एक कॉम्प्लेक्सनुमा इमारत बनाई जा रही है, मस्जिद इसका एक हिस्सा होगी। प्रो अख्तर ने कहा कि उस कॉम्प्लेक्स को तीन मूल्यों के आधार पर आर्किटेक्ट किया जाएगा। प्रोफेसर अख्तर के मुताबिक उस पूरी इमारत में हिंदुस्तानियत, मानवता और इस्लामिक मूल्यों की झलकी नजर आएगी। यहां लोगों को प्रवेश करने पर हिंदुस्तानी संस्कृति की झलक मिलेगी। इसके अलावा इमारत में मानवता के मूल्य भी नजर आएंगे। प्रो अख्तर ने बताया कि उन्होंने इस इमारत के आर्किटेक्ट पर काम करना शुरू कर दिया है। जल्द ही वो इसका पूरा आर्किटेक्ट तैयार करके वक्फ बोर्ड के सामने रखेंगे। प्रो अख्तर वास्तुकला के साथ टाउन प्लानिंग के लिए खास पहचान रखते हैं। उन्होंने देश-विदेश में टाउन प्लानिंग पर अपने प्रेजेंटेशन दिए हैं। उनकी टाउन प्लानिंग पर्यावरण को खास ध्यान में रखकर तैयार की जाती है। अब तक वास्तुकला पर उनकी चार किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं इनके नाम अर्बन हाउसिंग-इशूज एंड स्ट्रैटेजीस, इस्लामिक आर्किटेक्चर एट क्रॉस रोड्स, हबीब रहमान-द आर्किटेक्ट ऑफ इंडिपेंडेंट इंडिया और इन्वायरमेंटल रेमेडिएशन एंड रीजुवेनेशन हैं।वह इस्लामिक कला और वास्तुकला पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के संयोजक रहे हैं। वह इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट्स के यूपी चैप्टर के अध्यक्ष और इंस्टीट्यूट ऑफ टाउन प्लानर्स इंडिया के यूपी चैप्टर के सचिव रह चुके हैं। वह इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के आजीवन सदस्य भी हैं। बता दें कि इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) के मस्जिद कॉम्प्लेक्स प्रोजेक्ट के लिए कंसल्टेंट आर्किटेक्ट की अपनी जिम्मेदारी को लेकर प्रो अख्तर खासे उत्साहित हैं। आईआईसीएफ उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से स्थापित किया गया ट्रस्ट है जो अयोध्या में मस्जिद प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। ज्ञात हो कि यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को अयोध्या के धन्नीपुर गांव में मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन दी है जहां मस्जिद कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जा रहा है।
प्रो एसएम अख्तर ने बताया कि अयोध्या में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने उन्हें जिम्मेदारी दी है। उन्होंने बताया कि अयोध्या में सिर्फ मस्जिद नहीं बल्कि उस जमीन पर पूरा एक कॉम्प्लेक्सनुमा इमारत बनाई जा रही है, मस्जिद इसका एक हिस्सा होगी। प्रो अख्तर ने कहा कि उस कॉम्प्लेक्स को तीन मूल्यों के आधार पर आर्किटेक्ट किया जाएगा। प्रोफेसर अख्तर के मुताबिक उस पूरी इमारत में हिंदुस्तानियत, मानवता और इस्लामिक मूल्यों की झलकी नजर आएगी। यहां लोगों को प्रवेश करने पर हिंदुस्तानी संस्कृति की झलक मिलेगी। इसके अलावा इमारत में मानवता के मूल्य भी नजर आएंगे। प्रो अख्तर ने बताया कि उन्होंने इस इमारत के आर्किटेक्ट पर काम करना शुरू कर दिया है। जल्द ही वो इसका पूरा आर्किटेक्ट तैयार करके वक्फ बोर्ड के सामने रखेंगे। प्रो अख्तर वास्तुकला के साथ टाउन प्लानिंग के लिए खास पहचान रखते हैं। उन्होंने देश-विदेश में टाउन प्लानिंग पर अपने प्रेजेंटेशन दिए हैं। उनकी टाउन प्लानिंग पर्यावरण को खास ध्यान में रखकर तैयार की जाती है। अब तक वास्तुकला पर उनकी चार किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं इनके नाम अर्बन हाउसिंग-इशूज एंड स्ट्रैटेजीस, इस्लामिक आर्किटेक्चर एट क्रॉस रोड्स, हबीब रहमान-द आर्किटेक्ट ऑफ इंडिपेंडेंट इंडिया और इन्वायरमेंटल रेमेडिएशन एंड रीजुवेनेशन हैं।वह इस्लामिक कला और वास्तुकला पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के संयोजक रहे हैं। वह इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट्स के यूपी चैप्टर के अध्यक्ष और इंस्टीट्यूट ऑफ टाउन प्लानर्स इंडिया के यूपी चैप्टर के सचिव रह चुके हैं। वह इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के आजीवन सदस्य भी हैं। बता दें कि इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) के मस्जिद कॉम्प्लेक्स प्रोजेक्ट के लिए कंसल्टेंट आर्किटेक्ट की अपनी जिम्मेदारी को लेकर प्रो अख्तर खासे उत्साहित हैं। आईआईसीएफ उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से स्थापित किया गया ट्रस्ट है जो अयोध्या में मस्जिद प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। ज्ञात हो कि यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को अयोध्या के धन्नीपुर गांव में मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन दी है जहां मस्जिद कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जा रहा है।