ABP News : Sep 15, 2020, 08:17 AM
जम्मू-कश्मीर में पुलवामा के मारवाल इलाके में आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ चल रही है। पुलिस और सुरक्षाबल जवाबी कार्रवाई कर रहे हैं। घाटी में 2 से 3 आतंकियों के छिपे होने की आशंका है। आतंकवादियों के छुपे होने की सूचना के आधार पर सेना और पुलिस की संयुक्त टीम ने एक सर्च अभियान चलाया, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।पुलवामा जम्मू-कश्मीर का वह इलाका है जहां आतंकी हमले होते रहे हैं, आतंकियों की घेराबंदी की जाती गई है और आतंकी मार भी गिराए जाते गए हैं।
आतंकियों के ओवरग्राउंड वर्कर्सजम्मू-कश्मीर पुलिस ने शनिवार को जानकारी दी कि पुलवामा जिले के अवंतीपोरा इलाके में अंसार गजवा-तुल-हिंद (एजीएच) आतंकवादी संगठन के साथ संबंध रखने के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने कहा, "त्राल क्षेत्र के संदिग्ध आदिल अहमद हजाम को गिरफ्तार कर लिया। वह त्राल क्षेत्र में एजीएच आतंकियों को रहने की जगह, रसद और अन्य तमाम सुविधाएं मुहैया कराता था जैसे कि हथियारों व गोले-बारूद को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना। उसके पास से कई अवैध हथियार जब्त किए गए।"आतंकियों के सहयोगियों को ओवरग्राउंड वर्कर्स के नाम से भी जाना जाता है। ये आतंकी संगठनों के लिए आंख और कान की तरह काम करते हैं। इनके द्वारा आतंकियों के रहने की जगह, एक जगह से दूसरे जगह तक जाने के लिए परिवहन की व्यवस्था की जाती है। ये सुरक्षा बलों की गतिविधियों पर नजर रखकर आतंकियों को चौकन्ना किए रहते हैं, ताकि इनकी घेराबंदी और तलाशी अभियान से बच सकें।
आतंकियों के ओवरग्राउंड वर्कर्सजम्मू-कश्मीर पुलिस ने शनिवार को जानकारी दी कि पुलवामा जिले के अवंतीपोरा इलाके में अंसार गजवा-तुल-हिंद (एजीएच) आतंकवादी संगठन के साथ संबंध रखने के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने कहा, "त्राल क्षेत्र के संदिग्ध आदिल अहमद हजाम को गिरफ्तार कर लिया। वह त्राल क्षेत्र में एजीएच आतंकियों को रहने की जगह, रसद और अन्य तमाम सुविधाएं मुहैया कराता था जैसे कि हथियारों व गोले-बारूद को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना। उसके पास से कई अवैध हथियार जब्त किए गए।"आतंकियों के सहयोगियों को ओवरग्राउंड वर्कर्स के नाम से भी जाना जाता है। ये आतंकी संगठनों के लिए आंख और कान की तरह काम करते हैं। इनके द्वारा आतंकियों के रहने की जगह, एक जगह से दूसरे जगह तक जाने के लिए परिवहन की व्यवस्था की जाती है। ये सुरक्षा बलों की गतिविधियों पर नजर रखकर आतंकियों को चौकन्ना किए रहते हैं, ताकि इनकी घेराबंदी और तलाशी अभियान से बच सकें।