Vikrant Shekhawat : Nov 15, 2020, 01:25 PM
पटना: नीतीश कुमार को औपचारिक तौर पर जेडीयू विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। अब पटना में नीतीश कुमार के घर पर एनडीए के विधायक दल की बैठक जारी है। यहां नीतीश कुमार का गठबंधन का नेता चुना जाना तय है, लेकिन सवाल ये है कि बिहार का उप-मुख्यमंत्री किसे चुना जाएगा। क्या सुशील कुमार ही होंगे बिहार के उप-मुख्यमंत्री। इससे पहले पटना बीजेपी ऑफिस में बीजेपी विधायक दल की बैठक भी हुई।जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण ने एबीपी न्यूज से कहा, "आज एनडीए के नेता का चुनाव होगा। इसके बाद शाम को हम लोग राज्यपाल के पास जाएंगे, उनके पास सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। वो हमें सरकार बनाने का आमंत्रण देंगे। इसके बाद कल शपथ ग्रहण समारोह होगा।"नए मंत्रिमंडल में दिखेंगे कई युवा और नए चेहरेएनडीए के फिर से सत्ता में वापसी के बाद इतना तो तय है कि बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर एक बार फिर से नीतीश कुमार काबिज होंगे, लेकिन इस बार उनके मंत्रिमंडल में कई नए चेहरे शामिल होंगे। पिछली बार की तुलना में इस चुनाव में बीजेपी जहां अधिक सीटें जीती हैं, वहीं जेडीयू की सीटों में गिरावट आई है। इस कारण यह तय माना जा रह है कि मंत्रिमंडल में इस बार बीजेपी का दबदबा रहेगा।इस बार बीजेपी ने 74 सीटें जीती हैं। पिछली बार की तुलना में इस बार बीजेपी के 21 ज्यादा विधायक जीतकर आए हैं। वहीं, जेडीयू के विजयी उम्मीदवारों की संख्या पिछली बार की 71 से घटकर 43 रह गई है। वहीं, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के चार-चार विधायक जीतकर आए हैं।कहा जा रहा है कि युवा चेहरे इस मंत्रिमंडल में देखने को मिलेंगे। यह भी अब तक तय नहीं है कि जेडीयू और बीजेपी कोटे से कितने मंत्री बनेंगे। वैसे वीआईपी और हम के खाते में एक-एक मंत्री पद जाना तय माना जा रहा है।अधिकतम 36 मंत्री बनाए जा सकते हैंनियम के मुताबिक बिहार के विधानसभा में सीटों की संख्या के मुताबिक अधिकतम 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं। नई सरकार और नए मंत्रिमंडल गठन को लेकर बिहार बीजेपी के नेता सुशील कुमार मोदी को दिल्ली तलब किया गया है। कहा जा रहा है कि मोदी को नई जिम्मेदारी देते हुए उपमुख्यमंत्री पद पर किसी दूसरे नेता को बैठाया जा सकता है।इधर, जेडीयू की बात करें तो आठ मंत्री चुनाव हार गए हैं, जिनके कारण जेडीयू कोटे को नए नामों पर विचार करना होगा। कहा जा रहा है कि जेडीयू कोटे से 12 मंत्री बनाए जा सकते हैं जबकि बीजेपी कोटे 18 से 20 मंत्री बन सकते हैं। इस बीच, बीजेपी में नवनिर्वाचित विधायकों ने मंत्रीपद को लेकर लॉबिंग भी शुरू कर दी है। कई नेता पटना से दिल्ली तक ऐसे नेता अपनी-अपनी गोटी सेट करने में लग गए हैं।