देश / अगले साल से देश में उड़ेंगे जेट एयरवेज़ और आकासा के विमान: सिंधिया

नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को कहा कि अगले साल से भारत में जेट एयरवेज़ और आकासा के विमान उड़ान भरेंगे। सिंधिया ने कहा कि यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि नागर विमानन क्षेत्र में कम-से-कम 4-5 कंपनियां रहें। उन्होंने आगे कहा कि अगले साल से जेट एयरवेज़ नए अवतार में फिर से परिचालन शुरू करेगी।

Vikrant Shekhawat : Nov 12, 2021, 11:48 AM
नई दिल्ली: टाइम्स नाउ समिट 2021 के दूसरे दिन केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को कहा कि कोरोना संकट के बाद वह नागरिक उड्डयन क्षेत्र को दोबारा से पटरी पर लाने की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विमानन मंत्रालय को अपना 90 प्रतिशत ट्रैफिक वापस मिल गया है। उड्डयन क्षेत्र रिकवरी के रास्ते पर है। टाइम्स नाउ के एडिटर इन चीफ एवं एडिटोरियल डायरेक्टर राहुल शिवशंकर के साथ बातचीत में सिंधिया ने कहा कि मंत्रालय का प्रभार संभालने के बाद उन्होंने इस विभाग और उसके कामकाज को अच्छी तरह समझा है। उनका मंत्रालय एरो-इको सिस्टम क्षेत्र में काम शुरू कर चुका है। अगले साल भारतीय आकाश में दो विमानन कंपनियां जेट एयरवेज, आकाशा उड़ान भरती दिखेंगी।     

कोरोना महामारी से उड्डयन क्षेत्र प्रभावित हुआ

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोरोना संकट की वजह से विमानन क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ लेकिन अब हम इससे उबर रहे हैं। पिछले 70 सालों में देश में केवल 72 एयरपोर्ट बने लेकिन 2014 के बाद मोदी सरकार देश में 62 एयरपोर्ट बना चुकी है। नए एयरपोर्ट के जरिए टियर- 3 शहरों को जोड़ा जा रहा है। इसके अलावा हम हेलिकॉप्टर यात्रा के लिए नीति लाने जा रहे हैं। देश में हेलिकॉप्टर से यात्रा करने वाले लोगों की संख्या बहुत कम है। 2024-25 तक हम 220 विमान एवं हेलिकॉप्टर एयरपोर्ट बना लेंगे। देश में नागर विमानन क्षेत्र का लोकतांत्रिकरण हो चुका है। रेल के सेकेंड क्लास और उससे ज्यादा की श्रेणियों में यात्रा करने वाले लोग अब विमान से यात्रा करेंगे।

'उड़ान' योजना का लाभ आम आदमी को मिला

सिंधिया ने कहा कि नागर विमानन क्षेत्र में अभी संस्थागत सुधार करने की जरूरत है। 50 से 60 दिनों के भीतर मैंने उड्डयन क्षेत्र के सभी पहलुओं को समझा है। उड्डयन क्षेत्र में अभी बहुत संभावनाएं हैं। 'उड़ान' योजना का लाभ आम आदमी को मिला है। राज्य भी उड्डयन क्षेत्र के विकास से होने वाले लाभ को समझ रहे हैं। मैंने वैट घटाने के लिए राज्यों को पत्र लिखा है। राज्य इस बात को समझ रहे हैं। उन्होंने वैट के दर में कमी की है।