Covid-19 / जुबिलेंट ने भी लॉन्च की कोरोना के लिए रेमडेसिविर दवा, एक शीशी की कीमत होगी 4,700 रुपये

जुबिलेंट लाइफ साइंसेज ने सोमवार को ऐलान किया कि उसकी सहायक कंपनी जुबिलेंट जेनेरिक्स ने कोरोना वायरस के मरीजों के लिए रेमडेसिविर का इंजेक्शन लॉन्च किया है भारतीय मार्केट के लिए कंपनी ने इस दवा काम नाम ‘JUBI-R’ रखा है, जिसकी कीमत 4,700 रुपये प्रति वायल होगी 100 mg के वायल को कंपनी देश में कोरोना वायरस का इलाज मुहैया करा रहे 1,000 अस्पतालों को उपलब्ध कराएगी

Vikrant Shekhawat : Aug 03, 2020, 11:19 PM

नई दिल्ली. जुबिलेंट लाइफ साइंसेज (Jubilant Life Sciences) ने सोमवार को ऐलान किया कि उसकी सहायक कंपनी जुबिलेंट जेनेरिक्स (Jubilant Generics) ने कोरोना वायरस के मरीजों के लिए रेमडेसिविर (Remdesivir) का इंजेक्शन लॉन्च किया है. भारतीय मार्केट के लिए कंपनी ने इस दवा काम नाम ‘JUBI-R’ रखा है, जिसकी कीमत 4,700 रुपये प्रति वायल होगी. 100 mg के वायल को कंपनी देश में कोरोना वायरस का इलाज मुहैया करा रहे 1,000 अस्पतालों को उपलब्ध कराएगी. इन अस्पतालों को ये दवा कंपनी के डिस्ट्रिब्युशन नेटवर्क के जरिये ही उपलब्ध कराया जाएगा.


मई में, जुबिलेंट ने गिलीड साइंसेज लिमिटेड (Gilead Sciences Ltd.) के साथ एक नॉन-एक्सक्लुसिव डील साइन किया था. इसके बाद कंपनी को रेमडेसिविर को रजिस्ट्रेशन, मैन्युफैक्चरिंग और बिक्री की अनुमति मिली. भारत समेत 127 देशों में यह दवा उपलब्ध है.


पिछले महीने DCGI ने दी थी अनुमति

अमेरिका के फेडरल ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (USFDA) द्वारा रेमडेसिविर को कोरोना वायरस का इलाज करा रहे मरीजों के लिए इमरजेंसी की स्थिति में इस्तेमाल करने की अनुमति मिली है. इस दवा को गंभीर कोरोना वायरस संक्रमण से जूझ रहे व्य स्क व बच्चों को दिया जा सकता है. बीते 20 जुलाई को जुबिलेंट को ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंंडिया (DCGI) से इस एंटीवायरल दवा बनाने और बेचने की अनुमति मिली है


कंपनी द्वारा नियामकीय फाइलिंग (Regulatory Filing) में दी गई जानकारी के मुताबिक, JUBI-R को मरीजों के नसों (Intravenous) में दिया जाएगा. कंपनी ने कहा है कि उसने इस दवा को किफायती दाम में लॉन्च किया है और वो कोशिश कर रही है बड़ी मात्रा में इस दवा को अस्पतालों तक उपलब्ध कराया जाए.


क्या है रेमडेसिवियर?

रेमडेसिवियर एक न्यूक्लियोसाइड ऐनालॉग है जिसे साल 2010 में अफ्रीका में फैले इबोला महामारी से निपटने के लिए विकसित किया गया था. हालांकि यह दवा इबोला मरीजों पर उतनी असरदार साबित नहीं हुई जितनी कि बाकी की थेरेपीज. बाद में यह दवा सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS) और मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS) इन दोनों वायरस के खिलाफ असरदार साबित हुई


कोरोना मरीजों पर कैसे काम करती है ये यह दवा?

रेमडेसिवियर, एडेनोसिन नाम के न्यूक्लियोसाइड का इनऐक्टिवेटेड यानी असक्रिय वर्जन है. दरअसल हमारे शरीर में 4 तरह के न्यूक्लियोसाइड्स होते हैं- एडेनोसिन, गुआनोसिन, साइटोसिन और थाइमिन। एक बार जब यह दवा हमारे शरीर में प्रवेश कर जाती है उसके बाद यह सक्रिय हो जाती है. यह सक्रिय रेमडेसिवियर दवा कोविड-19 के लिए जिम्मेदार वायरस SARS-Cov-2 के RNA पॉलिमर्स के फंक्शन को रोक देती है. RNA पॉलिमर्स एक एन्जाइम है जो शरीर की कोशिकाओं के अंदर वायरल RNA के सैंकड़ों कॉपी बनाने के लिए जिम्मेदार होता है