नई दिल्ली / तिहाड़ जाने के लिए जानबूझकर जज से लड़े थे कमलनाथ: जन्मदिन पर कांग्रेस ने छपवाया ऐड

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के जन्मदिन पर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमिटी ने विज्ञापन छपवाया है, जिसमें लिखा है, "1979 में...संजय गांधी को एक मामले में तिहाड़ भेज दिया गया था। कहा जाता है कि तब कमलनाथ जानबूझकर एक जज से लड़े और जज ने उन्हें 7 दिन के लिए तिहाड़ भेज दिया। वहां वह संजय के साथ ही रहे।"

Jansatta : Nov 19, 2019, 10:59 AM
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ का आज 73वां जन्मदिन है। इस मौके पर कांग्रेस की प्रदेश इकाई द्वारा जारी किया गया विज्ञापन विवादों में आ गया है। विज्ञापन में कमलनाथ की जीवन यात्रा के बारे में बात की गई है, लेकिन इसमें कई ऐसी बातों का जिक्र है, जिस पर भाजपा चुटकी ले रही है। इस विज्ञापन में कमलनाथ के 1996 के चुनाव में मिली हार का ज़िक्र है।

इस विज्ञापन में लिखा है कि छिंदवाड़ा से कमलनाथ को 1996 में हार का सामना करना पड़ा था। उस समय उन्हें सुंदरलाल पटवा ने चुनाव मैदान में पटखनी दी थी। विज्ञापन में कहा गया है कि जब जनता पार्टी की सरकार ने 1979 में संजय गांधी को तिहाड़ भेजा था और इंदिरा गांधी उनकी सुरक्षा के लिए चिंतित थीं। नाथ ने तब ‘जानबूझकर’ एक न्यायाधीश के साथ बहस की और तिहाड़ जेल चले गए जहां वह संजय के साथ रहे।

इसके अलावा विज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि 1993 में कमलनाथ के मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने की चर्चा थी। विज्ञापन में कहा गया है कि हालांकि, अर्जुन सिंह ने दिग्विजय सिंह के नाम को आगे बढ़ाया और कमलनाथ सीएम नहीं बन सके। अब दिग्विजय सिंह के समर्थन के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला है।

बता दें कमलनाथ ने देहरादून के प्रतिष्ठित दून स्कूल से पढ़ाई की और यहीं उनकी दोस्ती इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी से हुई थी। कमलनाथ ने गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों इंदिरा गांधी, संजय-राजीव गांधी-सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ काम किया है। कानपुर में जन्मे 72 साल के कमलनाथ मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से 9 बार सांसद रहे हैं।

कमलनाथ 1991 में राज्य पर्यावरण मंत्री और 1995-1996 टेक्सटाइल मंत्री रहे। इतना ही नहीं उन्होंने 2001-2004 तक कांग्रेस के महासचिव का पद संभाला। वे 2004-2009 तक यूपीए सरकार में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री भी रहे। 2009 में कमलनाथ मनमोहन सरकार में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री बने। 2011 में उन्हें शहरी विकास मंत्री बनाया गया। वहीं 2012 में उन्हें संसदीय कार्य मंत्री का अतिरिक्त प्रभार दिया गया।