Makar Sankranti 2024 / घर की इस दिशा में रखें मकर संक्रांति के दिन ये खास चीज, दूर होगी पैसों की किल्लत?

15 जनवरी को पूरे भारतवर्ष में मनाया जाने वाला महापर्व मकर संक्रांति हिंदू धर्म का सबसे खास पर्व माना जाता है. भारतवर्ष के अलग अलग हिस्सों में इसे अलग अलग तरीके से मनाया जाता है. मकर संक्रांति के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है इसलिए भी इसे मकर संक्रांति कहते हैं. बता दें कि मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य की विधि विधान से पूजा अर्चना कर उनकी उपासना की जाती है. इस दिन स्नान और दान करने का बहुत बड़ा महत्व होता है

Vikrant Shekhawat : Jan 13, 2024, 08:39 AM
Makar Sankranti 2024: 15 जनवरी को पूरे भारतवर्ष में मनाया जाने वाला महापर्व मकर संक्रांति हिंदू धर्म का सबसे खास पर्व माना जाता है. भारतवर्ष के अलग अलग हिस्सों में इसे अलग अलग तरीके से मनाया जाता है. मकर संक्रांति के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है इसलिए भी इसे मकर संक्रांति कहते हैं. बता दें कि मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य की विधि विधान से पूजा अर्चना कर उनकी उपासना की जाती है. इस दिन स्नान और दान करने का बहुत बड़ा महत्व होता है. 

वास्तु शास्त्र के अनुसार इस दिन घर की पूर्व दिशा में ऐसी कोई चीज रखनी चाहिए जिससे कि पूरे वातावरण में शुद्धता तो बनी रहती है साथ ही सुख और समद्धि का भी वास रहता है. आइए विस्तार में मकर संक्रांति के दिन घर में किसी खास दिशा में कौन सी खास चीज रखने से किस प्रकार के लाभ की प्राप्ति होती है इसके बारे में जानें.

घर में लगाएं पीतल के सूर्य देव

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की पूर्व दिशा में मकर संक्रांति के दिन ये खास चीज रखनी चाहिए. पीतल से बने सूर्य देव के प्रतीक को घर की पूर्व दिशा में इस दिन लगाएं. ध्यान रखें कि सूर्य देव के पीतल के प्रतीक में 7 घंटियां लटका होना जरूरी है. इससे उ की ध्वनि का भी सुनाई देना आवश्यक है. ऐसा करने से ही शुभ परिणाम की प्राप्ति होगी.ध्यान रखने वाली बात यह है कि इस सूर्य के प्रतीक को लगाने के लिए लाल धागे का प्रयोग जरूर करें.

प्रतीक लगाने के लाभ

मकर संक्रांति पर इस प्रकार के प्रतीक को सही दिशा में लगाने से घर की किसी भी प्रकार की आर्थिक परेशानी दूर हो जाती है.

करें सूर्य देव की अराधना

मकर संक्रांति के दिन स्नान दान का बहुत बड़ा महत्व है. इसलिए सुबह स्नान कर के कलश में जल लेकर उसमें गुलाब की पत्ती मिला कर सुर्य मंत्र या फिर गायत्री मंत्र का उच्चारण कर अर्घ्य दें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zoom News इसकी पुष्टि नहीं करता है.)