Rajasthan Weather Updates / जानिये अगले 4 दिनों में कहां चलेंगी आंधियां और किन इलाकों में होगी बारिश

नौतपा में भी राजस्थान के मौसम में बदलाव (Change in weather) का दौर लगातार जारी है। मौसम विभाग के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय (Western disturbances Activ) होने से आज भी बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, सीकर, झुंझुनू, जयपुर, अजमेर, नागौर, भरतपुर और कोटा संभाग के कुछ जिलों में धूल भरी आंधियां चलने की प्रबल संभावनाएंं हैं।

Vikrant Shekhawat : Jun 01, 2021, 04:29 PM
जयपुर। नौतपा में भी राजस्थान के मौसम में बदलाव (Change in weather) का दौर लगातार जारी है। मौसम विभाग के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय (Western disturbances Activ) होने से आज भी बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, सीकर, झुंझुनू, जयपुर, अजमेर, नागौर, भरतपुर और कोटा संभाग के कुछ जिलों में धूल भरी आंधियां चलने की प्रबल संभावनाएंं हैं।

इस दौरान हवा की स्पीड 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे रह सकती है। इसके साथ ही इन इलाकों में बारिश होने की प्रबल संभावना है। राजधानी जयपुर में तो इसका असर भी देखा गया है। जयपुर में आज दोपहर में मौसम ने अंगड़ाई ली। उसके बाद अंधड़ के साथ हल्की बूंदाबांदी हुई। इससे लोगों को गर्मी से मामूली राहत मिली। हालांकि कुछ देर बाद ही मौसम साफ हो गया और चटख धूप निकल आई।


2 से 5 जून तक इन जिलों में रहेगा असर

मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर और बीकानेर संभाग के कुछ जिलों में आंधी बारिश का दौर आगामी तीन चार दिनों तक जारी रहने की संभावना है। वहीं 1 और 2 जून को पूर्वी राजस्थान के भरतपुर संभाग समेत जयपुर, कोटा और अजमेर संभाग के जिलों में तेज हवाएं और मध्यम दर्जे की बारिश होने की संभावनायें हैं। उसके बाद 2 से 5 जून तक उदयपुर, अजमेर और कोटा संभाग के जिलों में धूलभरी तेज हवायें चलने के साथ ही मध्यम दर्जे की बारिश होने की प्रबल संभावनायें बनी हुई है।कई इलाकों में हो चुकी है बारिश

उल्लेखनीय है कि राजस्थान के विभिन्न इलाकों में लगातार मौसम में बदलाव आ रहा है। इस दौरान धूलभरी आंधियों के साथ ही कई जगह बारिश हो चुकी है। बारिश के कारण बार-बार ऊपर की ओर चढ़ते तापमापी पारे पर लगाम भी लग रही है। लेकिन इस बीच रविवार को भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर स्थित श्रीगंगानगर जिले में आये तूफान ने कई घरों के टीन टप्पर उड़ा दिये थे। वहीं इस इलाके में हुई ओलावृष्टि से फसलों को भी खासा नुकसान पहुंचा था।