Vikrant Shekhawat : Oct 11, 2024, 08:49 AM
Emmanuel Macron: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भारतीय उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर अपनी गहरी संवेदना प्रकट करते हुए कहा है कि फ्रांस ने भारत से एक प्रिय मित्र खो दिया है। उन्होंने रतन टाटा के दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि टाटा ने भारत और फ्रांस के बीच इनोवेशन और मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में बड़े योगदान दिए हैं। मैक्रों ने कहा कि टाटा के प्रयासों ने दोनों देशों के उद्योगों के बीच मजबूत सहयोग और संबंध बनाए, और उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।राष्ट्रपति मैक्रों ने रतन टाटा के परिवार और भारत के लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और कहा कि टाटा का सम्मान न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर था। उनके नेतृत्व ने व्यावसायिक दुनिया में नई राहें खोलीं और उनके परोपकारी प्रयासों ने समाज में गहरी छाप छोड़ी। उन्होंने कहा कि टाटा को सदैव सम्मान और प्रेम के साथ याद किया जाएगा।राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाईरतन टाटा का अंतिम संस्कार 10 अक्टूबर 2024 को मुंबई के वर्ली श्मशान घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। उनके निधन पर न केवल भारत, बल्कि दुनियाभर के नेताओं ने शोक व्यक्त किया और उनके योगदान को याद किया। वैश्विक नेताओं ने रतन टाटा के दूरदर्शी नेतृत्व, परोपकारी प्रयासों, और भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने में उनके स्थायी प्रभाव को श्रद्धांजलि दी।नेपाल के प्रधानमंत्री का शोक संदेशनेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भी रतन टाटा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि रतन टाटा के नेतृत्व ने न केवल व्यापार के क्षेत्र में, बल्कि समाजिक कार्यों में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ओली ने कहा कि टाटा का सकारात्मक प्रभाव दुनिया भर में महसूस किया गया और उनकी विरासत को हमेशा याद रखा जाएगा।सुंदर पिचाई ने जताई संवेदनागूगल और अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई ने भी रतन टाटा के निधन पर अपनी भावनाओं को साझा किया। उन्होंने रतन टाटा के साथ अपनी अंतिम मुलाकात को याद करते हुए कहा कि टाटा ने भारत के व्यावसायिक नेतृत्व को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और उनके दृष्टिकोण ने दुनिया भर के उद्योगों को प्रेरित किया। पिचाई ने कहा कि रतन टाटा की दृष्टि और नेतृत्व को सदैव सराहा जाएगा और उनकी परोपकारी विरासत को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा।टाटा का दूरदर्शी नेतृत्वरतन टाटा, जो टाटा समूह और टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष थे, को उद्योग और समाज सेवा में उनके अद्वितीय योगदान के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान टाटा समूह को वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया और कई बड़े अंतरराष्ट्रीय सौदे किए, जिनमें जगुआर-लैंड रोवर और कोरस स्टील की खरीद शामिल थी। उनका नेतृत्व न केवल भारत बल्कि दुनिया भर में व्यापार और सामाजिक परिवर्तन के लिए प्रेरणा बना।रतन टाटा का जाना एक युग का अंत है, और उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। उनके दूरदर्शी विचार और नेतृत्व ने भारत को वैश्विक व्यापारिक मानचित्र पर नई पहचान दिलाई, और उनके परोपकारी प्रयासों ने लाखों लोगों के जीवन में सुधार लाया। उनके निधन से एक बड़ा शून्य उत्पन्न हुआ है जिसे भरना मुश्किल होगा, लेकिन उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी।