AajTak : Jul 27, 2020, 04:47 PM
Delhi: रक्षाबंधन का त्योहार सावन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस बार ये त्योहार सावन के आखिरी सोमवार यानी 3 अगस्त को पड़ रहा है। ये रक्षाबंधन बहुत खास होने वाला है क्योंकि इस साल रक्षाबंधन पर सर्वार्थ सिद्धि और आयुष्मान दीर्घायु का शुभ संयोग बन रहा है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक रक्षाबंधन पर ऐसा शुभ संयोग 29 साल बाद आया है।
ज्योतिर्विद भूषण कौशल से जानते हैं कि रक्षाबंधन के दिन किस शुभ मूहुर्त में राखी बांधना शुभ रहेगा। साथ ही इन संयोग का किस तरह से लाभ उठाया जा सकता है।
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्तराखी बांधने के समय भद्रा नहीं होनी चाहिए। कहते हैं कि रावण की बहन ने उसे भद्रा काल में ही राखी बांध दी थी इसलिए रावण का विनाश हो गया। 3 अगस्त को भद्रा सुबह 9 बजकर 29 मिनट तक है। राखी का त्योहार सुबह 9 बजकर 30 मिनट से शुरू हो जाएगा। दोपहर को 1 बजकर 35 मिनट से लेकर शाम 4 बजकर 35 मिनट तक बहुत ही अच्छा समय है। इसके बाद शाम को 7 बजकर 30 मिनट से लेकर रात 9।30 के बीच में बहुत अच्छा मुहूर्त है।
रक्षाबंधन के दिन महासंयोगरक्षाबंधन के दिन बहुत ही अच्छे ग्रह नक्षत्रों का संयोग बन रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इस संयोग में सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके अलावा इस दिन आयुष्मान दीर्घायु योग है यानी भाई-बहन दोनों की आयु लंबी हो जाएगी। इसके साथ ही 3 अगस्त को सावन की पूर्णिमा है। ऐसा संयोग बहुत कम आता है कि सोमवार के दिन पूर्णिमा पड़ जाए।इसके अलावा 3 अगस्त को चंद्रमा का ही श्रवण नक्षत्र है। मकर राशि का स्वामी शनि और सूर्य आपस मे समसप्तक योग बना रहे हैं। शनि और सूर्य दोनों आयु बढ़ाते हैं। ऐसा संयोग 29 साल बाद आया है।
दूर रह कर कैसे मनाएं रक्षाबंधनइस बार कोरोना वायरस की वजह से कई भाई- बहन का रक्षाबंधन के त्योहार पर मिल नहीं माएंगे। भाई-बहन अलग-अलग भी रहते हुए ये त्योहार मना सकते हैं। बहनें वीडियो कॉल करके भाई को देखते हुए भगवान कृष्ण की तस्वीर सामने रखकर उन्हें भाई मानकर उनके सामने राखी रख दें तो रक्षाबंधन का फल मिल जाएगा।भाई ऑनलाइन वीडियो कॉल पर ही बहनों को आशीर्वाद दे दें। बहनें भगवान कृष्ण जी के सामने भोजन का भोग लगाकर भाई को दिखा दें। इस योग में सभी 12 राशियों का भला होने वाला है। इस दिन आप जो भी मनोकामना लेकर कृष्ण जी के सामने राखी का त्योहार मनाएंगे वो सभी पूरी होंगी।
ज्योतिर्विद भूषण कौशल से जानते हैं कि रक्षाबंधन के दिन किस शुभ मूहुर्त में राखी बांधना शुभ रहेगा। साथ ही इन संयोग का किस तरह से लाभ उठाया जा सकता है।
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्तराखी बांधने के समय भद्रा नहीं होनी चाहिए। कहते हैं कि रावण की बहन ने उसे भद्रा काल में ही राखी बांध दी थी इसलिए रावण का विनाश हो गया। 3 अगस्त को भद्रा सुबह 9 बजकर 29 मिनट तक है। राखी का त्योहार सुबह 9 बजकर 30 मिनट से शुरू हो जाएगा। दोपहर को 1 बजकर 35 मिनट से लेकर शाम 4 बजकर 35 मिनट तक बहुत ही अच्छा समय है। इसके बाद शाम को 7 बजकर 30 मिनट से लेकर रात 9।30 के बीच में बहुत अच्छा मुहूर्त है।
रक्षाबंधन के दिन महासंयोगरक्षाबंधन के दिन बहुत ही अच्छे ग्रह नक्षत्रों का संयोग बन रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इस संयोग में सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके अलावा इस दिन आयुष्मान दीर्घायु योग है यानी भाई-बहन दोनों की आयु लंबी हो जाएगी। इसके साथ ही 3 अगस्त को सावन की पूर्णिमा है। ऐसा संयोग बहुत कम आता है कि सोमवार के दिन पूर्णिमा पड़ जाए।इसके अलावा 3 अगस्त को चंद्रमा का ही श्रवण नक्षत्र है। मकर राशि का स्वामी शनि और सूर्य आपस मे समसप्तक योग बना रहे हैं। शनि और सूर्य दोनों आयु बढ़ाते हैं। ऐसा संयोग 29 साल बाद आया है।
दूर रह कर कैसे मनाएं रक्षाबंधनइस बार कोरोना वायरस की वजह से कई भाई- बहन का रक्षाबंधन के त्योहार पर मिल नहीं माएंगे। भाई-बहन अलग-अलग भी रहते हुए ये त्योहार मना सकते हैं। बहनें वीडियो कॉल करके भाई को देखते हुए भगवान कृष्ण की तस्वीर सामने रखकर उन्हें भाई मानकर उनके सामने राखी रख दें तो रक्षाबंधन का फल मिल जाएगा।भाई ऑनलाइन वीडियो कॉल पर ही बहनों को आशीर्वाद दे दें। बहनें भगवान कृष्ण जी के सामने भोजन का भोग लगाकर भाई को दिखा दें। इस योग में सभी 12 राशियों का भला होने वाला है। इस दिन आप जो भी मनोकामना लेकर कृष्ण जी के सामने राखी का त्योहार मनाएंगे वो सभी पूरी होंगी।