बिजनेस / सेबी ने बताया निवेश के लिए क्या करें और क्या न करें; कहा- जोखिमों को समझें

बाज़ार नियामक सेबी द्वारा जारी इन्वेस्टर चार्टर में बाज़ार में निवेश करने के लिए क्या करें और क्या न करें बताया गया है। बकौल सेबी, निवेशक निवेश करने से पहले दस्तावेज़ों को ध्यानपूर्वक पढ़ें और जोखिमों को समझें। चार्टर के मुताबिक, निवेशकों को तय सीमा से अधिक नकद भुगतान नहीं करना चाहिए और अकाउंट डिटेल्स शेयर करने से बचना चाहिए।

नई दिल्ली: मार्केट रेग्‍युलेटर सेबी (SEBI) ने निवेशकों के लिए इन्‍वेस्‍टर चार्टर जारी किया है. अब निवेशकों से जुड़े मामलों का निपटारा एक तय समय में करना जरूरी हो जाएगा. चार्टर में निवेशकों के अधिकारों के साथ-साथ जिम्‍मेदारियों का भी ब्‍योरा दिया गया है. निवेशकों के हित में इन्‍वेस्‍टर चार्टर एक बड़ा कदम है.

इन्‍वेर्स्‍टर चार्टर के मुताबिक, निवेशकों को अब वाजिब, बराबरी के बर्ताव का अधिकार होगा. SCORES पर तय समय में उनकी शिकायतों का निवारण किया जाएगा. इसके अलावा, सेबी के अधीन सभी संस्थाओं से हाई क्‍वालिटी की सर्विसेज उन्‍हें मिल सकेंगी.

निवेशकों की क्‍या होंगी जिम्‍मेदारियां 

इन्‍वेस्‍टर चार्टर में निवेशकों की जिम्‍मेदारियों की भी बात की गई है. इसके मुताबिक, सेबी रजिस्टर्ड और कंट्रोल वाली संस्थाओं से ही कामकाज करना होगा. निवेशकों को अपना पता, नंबर, ई-मेल, KYC, नॉमिनेशन रेग्‍युलर बेसिस पर अपडेट करना होगा. अगर निवेशक को किसी तरह शिकायत दर्ज करानी है, तो तय समय सीमा के भीतर ही शिकायतों को सही जगह भेजना है. इसमें सबसे अहम बात कि निवेशक अकाउंट का इस्तेमाल केवल अपने ही फायदे के लिए करे.

निवेशक क्या करें 

निवेश के पहले सभी दस्तावेजों को ध्यानपूर्वक पढ़ें

शिकायत निवारण व्यवस्था के बारे में जानकारी रखें 

निवेश करने के पहले जोखिम को ठीक से समझें 

खातों को नियमित देखें, गलत हो तो रिपोर्ट करें 

ट्रांजैक्शन की फीस, चार्ज, मार्जिन, प्रीमियम को जानें 

सौदों से जुड़े दस्तावेजों को संभाल कर पास रखें 

निवेशक क्या न करें 

तय सीमा से अधिक रकम किसी को भी नकद में न दें 

अपना लॉग इन, पासवर्ड, खाते का ब्यौरा साझा न करें