Share Market News: चीन में एक नए वायरस की खबरों के बीच भारत के बेंगलुरु में देश का पहला
एचएमपीवी (ह्यूमन मेटाप्नेमोवायरस) मामला सामने आने से देशभर में चिंता बढ़ गई है। इस खबर का प्रभाव न केवल स्वास्थ्य क्षेत्र बल्कि शेयर बाजार पर भी देखने को मिला। सेंसेक्स 1,100 अंकों से अधिक गिर गया, जबकि निफ्टी में लगभग 1.4% की गिरावट दर्ज की गई। इस अप्रत्याशित गिरावट ने शेयर बाजार में निवेशकों को करीब
10 लाख करोड़ रुपए का नुकसान झेलने पर मजबूर कर दिया।
कोविड के बाद एक और वायरस की चिंता
कोविड-19 महामारी के बाद जैसे ही जनजीवन सामान्य हो रहा था, चीन से एक और वायरस के आगमन की खबरें निवेशकों और आम जनता के बीच भय का कारण बन गईं। बेंगलुरु में एचएमपीवी के दो मामलों की पुष्टि ने बाजार में घबराहट को बढ़ा दिया। इसके परिणामस्वरूप बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 77,959.95 अंकों तक गिर गया, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 23,601.50 अंकों पर कारोबार कर रहा है।सेंसेक्स ने गुरुवार को 79,943.71 अंकों पर बंद होने के बाद दो कारोबारी दिनों में
1,983.76 अंकों की गिरावट झेली है। इसी तरह निफ्टी में लगातार दो दिनों में
587.15 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है।
प्रमुख सेक्टर्स पर प्रभाव
इस गिरावट से बैंकिंग, रियल एस्टेट, तेल एवं गैस जैसे मुख्य क्षेत्रों को बड़ा झटका लगा है।
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी),
बैंक ऑफ बड़ौदा, और
केनरा बैंक जैसे पीएसयू बैंक के शेयरों में 4% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। इसके अलावा, प्रमुख कंपनियां जैसे
एचडीएफसी बैंक,
रिलायंस इंडस्ट्रीज, और
कोटक महिंद्रा बैंक भी इस गिरावट की चपेट में आ गईं।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर सबसे बड़े गिरावट वाले शेयरों में
टाटा स्टील (4.21%),
बीपीसीएल (3.44%), और
कोटक बैंक (3%) शामिल हैं। हालांकि, कुछ चुनिंदा शेयर जैसे
अपोलो हॉस्पिटल (0.66%) और
टाइटन (0.30%) में मामूली बढ़त देखी गई।
निवेशकों को भारी नुकसान
शेयर बाजार की इस भारी गिरावट ने निवेशकों की संपत्ति पर गहरा प्रभाव डाला है। शुक्रवार को बीएसई का मार्केट कैप
4,49,78,130.12 करोड़ रुपए था, जो गिरकर
4,39,44,926.57 करोड़ रुपए पर आ गया। सिर्फ कुछ घंटों में निवेशकों को करीब
10.33 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।पिछले दो दिनों की कुल गिरावट ने निवेशकों की संपत्ति में
11 लाख करोड़ रुपए से अधिक की कमी कर दी है।
आगे का रास्ता
वायरस से जुड़ी खबरों के बीच शेयर बाजार में अस्थिरता जारी रहने की संभावना है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचें और अपने पोर्टफोलियो को लंबे समय के लिए सुरक्षित रखने की रणनीति पर ध्यान दें। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए समय पर कदम उठाए गए, तो बाजार में स्थिरता वापस आ सकती है।
निष्कर्ष
एचएमपीवी वायरस ने एक बार फिर से दिखा दिया कि वैश्विक स्वास्थ्य संकटों का प्रभाव केवल जीवन और स्वास्थ्य तक सीमित नहीं रहता, बल्कि इसका सीधा असर आर्थिक गतिविधियों और निवेश पर भी पड़ता है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग को सतर्कता बरतनी होगी, ताकि इस वायरस को महामारी बनने से रोका जा सके और निवेशकों का विश्वास वापस हासिल किया जा सके।