Vikrant Shekhawat : Sep 06, 2021, 12:59 PM
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी के ग्राहकों को एक बार फिर से तगड़ा झटका लगा है। मारुति सुजुकी इंडिया ने आज अपने वाहनों की कीमत में इजाफा करने की घोषणा की है। कंपनी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार चुनिंदा मॉडलों की कीमत में 1.9% की बढ़ोतरी की गई है।
कंपनी ने इस इजाफे के पीछे वाहनों के इनपुट कॉस्ट बढ़ने का हवाला दिया है। बता दें कि, बीते 30 अगस्त को मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने स्टॉक एक्सचेंजों को एक फाइलिंग के दौरान घोषणा की थी कि, आगामी 6 सितंबर से चुनिंदा मॉडलों के एक्स-शोरूम कीमतों (दिल्ली) में 1.9 प्रतिशत का इजाफा किया जाएगा।
लगातार चौथी बार बढ़ी कीमत:
ये इस साल चौथी बार है जब मारुति सुजुकी ने अपने वाहनों की कीमत में इजाफा किया है। इससे पहले कंपनी ने बीते जनवरी महीने में 1.6 प्रतिशत का इजाफा किया था। वहीं अप्रैल महीने में 1.9 प्रतिशत और जुलाई महीने में केवल सीएनजी वाहनों की कीमत में 0.4% की बढोतरी देखने को मिली थी। अब ये चौथी बार है जब मारुति सुजुकी की कारों की कीमत में इजाफा हो रहा है।
कंपनी के इस फैसले का सीधा असर नई कार खरीदारों के जेब पर देखने को मिलेगा। MSIL के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (विपणन और बिक्री) शशांक श्रीवास्तव ने मीडिया को बताया कि, “अप्रैल 2020 के बाद से कमोडिटी प्राइस काफी बढ़ गई है। उदाहरण के लिए, स्टील की कीमतें पिछले साल के 38,000 रुपये प्रति टन से बढ़कर आज 65,000 रुपये प्रति टन हो गई है। इसी तरह, कॉपर की कीमतें 6,200 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 10,200 डॉलर प्रति टन हो गई हैं और रोडियम और पैलेडियम की कीमतें भी पिछले एक साल में कई गुना बढ़ गई हैं। यही कारण है कि वाहनों की लागत मूल्य लगातार बढ़ रही है।
लागत मूल्य बढ़ने के साथ ही देश का ऑटो सेक्टर सेमीकंडक्टर की कमी से भी जूझ रहा है। जिसके चलते मारुति सुजुकी और महिंद्रा जैसी कंपनियों ने अपने प्रोडक्शन को भी कुछ दिनों के लिए बंद किया है। सेमीकंडक्टर आज के समय में वाहनों में प्रयोग किया जाने वाला एक प्रमुख कंपोनेंट (चिप) है, जो कि मलेशिया जैसै देशों से आयात किया जाता है। मलेशिया सबसे बड़ा चिप सप्लायर है, लेकिन वहां पर लॉकडाउन लगने के कारण हालात और मुश्किल भरे हो गए हैं।
कंपनी ने इस इजाफे के पीछे वाहनों के इनपुट कॉस्ट बढ़ने का हवाला दिया है। बता दें कि, बीते 30 अगस्त को मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने स्टॉक एक्सचेंजों को एक फाइलिंग के दौरान घोषणा की थी कि, आगामी 6 सितंबर से चुनिंदा मॉडलों के एक्स-शोरूम कीमतों (दिल्ली) में 1.9 प्रतिशत का इजाफा किया जाएगा।
लगातार चौथी बार बढ़ी कीमत:
ये इस साल चौथी बार है जब मारुति सुजुकी ने अपने वाहनों की कीमत में इजाफा किया है। इससे पहले कंपनी ने बीते जनवरी महीने में 1.6 प्रतिशत का इजाफा किया था। वहीं अप्रैल महीने में 1.9 प्रतिशत और जुलाई महीने में केवल सीएनजी वाहनों की कीमत में 0.4% की बढोतरी देखने को मिली थी। अब ये चौथी बार है जब मारुति सुजुकी की कारों की कीमत में इजाफा हो रहा है।
कंपनी के इस फैसले का सीधा असर नई कार खरीदारों के जेब पर देखने को मिलेगा। MSIL के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (विपणन और बिक्री) शशांक श्रीवास्तव ने मीडिया को बताया कि, “अप्रैल 2020 के बाद से कमोडिटी प्राइस काफी बढ़ गई है। उदाहरण के लिए, स्टील की कीमतें पिछले साल के 38,000 रुपये प्रति टन से बढ़कर आज 65,000 रुपये प्रति टन हो गई है। इसी तरह, कॉपर की कीमतें 6,200 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 10,200 डॉलर प्रति टन हो गई हैं और रोडियम और पैलेडियम की कीमतें भी पिछले एक साल में कई गुना बढ़ गई हैं। यही कारण है कि वाहनों की लागत मूल्य लगातार बढ़ रही है।
लागत मूल्य बढ़ने के साथ ही देश का ऑटो सेक्टर सेमीकंडक्टर की कमी से भी जूझ रहा है। जिसके चलते मारुति सुजुकी और महिंद्रा जैसी कंपनियों ने अपने प्रोडक्शन को भी कुछ दिनों के लिए बंद किया है। सेमीकंडक्टर आज के समय में वाहनों में प्रयोग किया जाने वाला एक प्रमुख कंपोनेंट (चिप) है, जो कि मलेशिया जैसै देशों से आयात किया जाता है। मलेशिया सबसे बड़ा चिप सप्लायर है, लेकिन वहां पर लॉकडाउन लगने के कारण हालात और मुश्किल भरे हो गए हैं।