Vikrant Shekhawat : Jan 08, 2025, 03:40 PM
Mark Zuckerberg: मार्क जुकरबर्ग की कंपनी मेटा ने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर थर्ड पार्टी फैक्ट चेकिंग प्रोग्राम को बंद करने का फैसला लिया है। कंपनी ने अपने ब्लॉग पोस्ट में बताया कि इस प्रोग्राम को कम्युनिटी नोट्स सिस्टम से रिप्लेस किया जा रहा है। नए मॉडल की शुरुआत अमेरिका से हो रही है। यह मॉडल एलन मस्क के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पहले ही काफी सफल साबित हो चुका है।
मेटा के इस फैसले के पीछे क्या वजह है?
इस बदलाव के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हो सकते हैं। यह कदम अमेरिका के राजनीतिक परिदृश्य और तकनीकी प्रतिस्पर्धा से जुड़ा हुआ नजर आता है।मस्क का प्रभाव और ट्रंप की सरकार का योगदान
मार्क जुकरबर्ग ने अपने पुराने फैक्ट चेकिंग प्रोग्राम को हटाकर एक नए 'कम्युनिटी नोट्स' प्रोग्राम की शुरुआत की है। यह मॉडल एलन मस्क के X प्लेटफॉर्म की तर्ज पर क्राउडसोर्सिंग आधारित है। मस्क के X पर कम्युनिटी नोट्स ने गलत सूचनाओं को रोकने में अहम भूमिका निभाई है।डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने की संभावना के बीच मेटा के इस फैसले को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ट्रंप और उनके समर्थकों ने पहले मेटा पर पक्षपातपूर्ण कंटेंट मॉडरेशन का आरोप लगाया था। मेटा के CEO जुकरबर्ग ने स्वीकार किया कि अमेरिकी चुनाव में ट्रंप की आलोचनाओं ने इस बदलाव को प्रेरित किया।कम्युनिटी नोट्स: कैसे करेगा काम?
कम्युनिटी नोट्स सिस्टम यूजर्स को सशक्त बनाता है। यह उन्हें खुद तय करने का अधिकार देता है कि कौन सी पोस्ट भ्रामक हो सकती है।- क्राउडसोर्सिंग: यूजर्स किसी पोस्ट पर नोट्स लिख सकते हैं और अन्य यूजर्स इन नोट्स को रेट कर सकते हैं।
- गुमराह करने वाली जानकारी पर अंकुश: नोट्स का समावेश मेटा प्लेटफॉर्म पर फैलने वाली गलत सूचनाओं को रोकने का प्रयास करेगा।
मेटा के थर्ड पार्टी फैक्ट चेकिंग प्रोग्राम की कमजोरियां
मेटा ने बताया कि उनके मौजूदा फैक्ट चेकिंग प्रोग्राम में कुछ प्रमुख खामियां थीं:- राजनीतिक पक्षपात: फैक्ट चेकर पर राजनीतिक विषयों में झुकाव का आरोप लगा था।
- जटिल प्रक्रिया: ज्यादा कंटेंट फैक्ट चेकिंग के दायरे में आ जाता था, जिससे प्रक्रिया धीमी और अप्रभावी हो गई थी।
जुकरबर्ग की नई रणनीति
मार्क जुकरबर्ग ने अपनी घोषणा में कहा कि मेटा अब "फ्री एक्सप्रेशन" को प्राथमिकता देगा। कंपनी की रणनीति अपने प्लेटफॉर्म को उपयोगकर्ताओं के लिए और अधिक पारदर्शी बनाने की है। यह बदलाव फेसबुक, इंस्टाग्राम और Threads जैसे मेटा के अन्य प्लेटफॉर्म्स पर भी प्रभाव डालेगा।क्या ये बदलाव सही दिशा में है?
मेटा का यह फैसला उन आलोचनाओं का जवाब है जो उसे लंबे समय से मिल रही थीं। हालांकि, कम्युनिटी नोट्स सिस्टम पर भी चुनौतियां हो सकती हैं, जैसे:- गलत सूचनाओं को पहचानने की जिम्मेदारी उपयोगकर्ताओं पर डालना।
- क्राउडसोर्सिंग में संभावित पक्षपात।
निष्कर्ष
मेटा द्वारा थर्ड पार्टी फैक्ट चेकिंग प्रोग्राम को बंद करना और उसकी जगह कम्युनिटी नोट्स सिस्टम को लागू करना एक क्रांतिकारी कदम है। यह बदलाव न केवल कंपनी के भीतर बल्कि पूरी सोशल मीडिया इंडस्ट्री में भी बड़ा प्रभाव डाल सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह नया मॉडल कितना प्रभावी साबित होता है।This is cool pic.twitter.com/kUkrvu6YKY
— Elon Musk (@elonmusk) January 7, 2025