श्रीनगर / मोदी जवानों के बीच दिवाली मनाने पहुंचे, कहा- सैनिकों की वीरता हमारे राष्ट्र को सुरक्षित रखती है

जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर तैनात जवानों के साथ दिवाली मनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को राजौरी पहुंचे। मोदी इससे पहले पाकिस्तान से लगी पंजाब बॉर्डर, सियाचिन ग्लेशियर और उत्तराखंड में भारत-चीन सीमा पर जवानों के साथ दिवाली मना चुके हैं। मोदी ने कहा- उनकी सतर्कता और वीरता हमारे राष्ट्र को सुरक्षित रखती है। हमारी सरकार सैनिकों के कल्याण के लिए बड़े कदम उठा रही है।”

Dainik Bhaskar : Oct 27, 2019, 06:16 PM
श्रीनगर | जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर तैनात जवानों के साथ दिवाली मनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को राजौरी पहुंचे। मोदी इससे पहले पाकिस्तान से लगी पंजाब बॉर्डर, सियाचिन ग्लेशियर और उत्तराखंड में भारत-चीन सीमा पर जवानों के साथ दिवाली मना चुके हैं।

मोदी ने ट्वीट किया, “हमारे सैनिकों के साहस की कहानियां व्यापक रूप से साझा की जाती हैं, लेकिन क्या आप प्राकृतिक आपदाओं के दौरान हमारे सशस्त्र बलों के साहस के बारे में भी जानते हैं? उनके द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई कई लोगों की जान बचाती है और सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट होने से बचाती है। मैंने सैनिकों के साथ बातचीत की और भारत की जनता की तरफ से अविस्मणीय सेवा के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। उनकी सतर्कता और वीरता हमारे राष्ट्र को सुरक्षित रखती है। हमारी सरकार सैनिकों के कल्याण के लिए बड़े कदम उठा रही है।”

2014 में जवानों के बीच सियाचिन में दिवाली मनाई थी

2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने तीसरी बार कश्मीर में जवानों के साथ दिवाली मनाई। 2014 में उन्होंने सियाचिन में जवानों के बीच दिवाली मनाई थी। 2015 में वे दिवाली मनाने पंजाब बॉर्डर गए थे। उनका यह दौरा भारत-पाकिस्तान के बीच 1965 में लड़े गए युद्ध के 50वें साल के मौके पर था। 2016 में प्रधानमंत्री ने हिमाचल प्रदेश से लगे चीन बॉर्डर के पास इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों के साथ दिवाली मनाई। प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी ने अपनी चौथी दिवाली का जश्न 2017 में जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में सैनिकों के साथ मनाया।

पिछले साल चीनी सीमा पर जवानों से मिले थे मोदी

पिछले साल प्रधानमंत्री दिवाली के मौके पर उत्तराखंड में केदारनाथ मंदिर के दर्शन के लिए गए थे। यहां उन्होंने चीन बॉर्डर के पास हरसिल गांव के केंट इलाके में भारतीय सशस्त्र बल और आईटीबीपी के जवानों से मुलाकात की थी। यहां उन्होंने जवानों से कहा था, “बर्फीले इलाके में आपका ड्यूटी के लिए समर्पण देश को मजबूती प्रदान करता है। आपके चलते ही देश का भविष्य और सवा सौ करोड़ लोगों के सपने सुरक्षित हैं। भारत आज रक्षा के क्षेत्र में दुनिया के अव्वल देशों में शुमार होता है। भारतीय फौज की बहादुरी की पूरी दुनिया में मिसाल दी जाती है।”