- भारत,
- 14-Apr-2025 09:12 AM IST
Mehul Choksi Arrested: भारत के बहुचर्चित 13,500 करोड़ रुपये के पीएनबी लोन घोटाले का मुख्य आरोपी और भगोड़ा हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी 12 अप्रैल को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की अपील पर हुई। चोकसी को फिलहाल बेल्जियम की एक जेल में रखा गया है और भारतीय एजेंसियों ने उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया तेज कर दी है।
एंटीगुआ से बेल्जियम की भागदौड़
मेहुल चोकसी ने वर्ष 2017-18 में पंजाब नेशनल बैंक से धोखाधड़ी के जरिए 13,500 करोड़ रुपये का लोन प्राप्त किया था। जनवरी 2018 में मामले के सार्वजनिक होने से पहले ही वह अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ देश छोड़कर फरार हो गया था। नीरव मोदी को बाद में लंदन में गिरफ्तार किया गया, जबकि चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता ले ली थी और वहीं शरण ली।
वर्ष 2021 के अंत में चोकसी एंटीगुआ से फरार होकर बेल्जियम पहुंच गया, जहां वह अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ एंटवर्प में रह रहा था। रिपोर्ट्स के अनुसार, उसकी पत्नी के पास बेल्जियम की नागरिकता है, जिसके आधार पर चोकसी ने वहां 'एफ रेजीडेंसी कार्ड' हासिल किया था। चोकसी ने स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला देकर बेल्जियम में स्थायी निवास प्राप्त करने की कोशिश की, लेकिन अब यह बात सामने आई है कि उसने इसके लिए भ्रामक और मनगढ़ंत दस्तावेज़ों का इस्तेमाल किया।
गिरफ्तारी और कानूनी दांव-पेंच
चोकसी की गिरफ्तारी सीबीआई की इंटरपोल नोटिस के आधार पर हुई है। अब भारत सरकार उसके प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक रूप से बेल्जियम सरकार से संपर्क कर रही है। हालांकि, चोकसी के वकील अदालत में सेहत और मानवाधिकार जैसे मुद्दों का हवाला देते हुए जमानत की कोशिश कर रहे हैं।
एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि चोकसी भारत में प्रत्यर्पण से बचने के लिए लगातार झूठे दावे और कागजात का सहारा लेता रहा है। इससे पहले 2021 में जब वह कथित रूप से क्यूबा भागने की फिराक में था, तब उसे डोमिनिका में पकड़ा गया था। उस समय भी उसने आरोप लगाया था कि भारत सरकार उसके खिलाफ राजनीतिक साजिश कर रही है और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उसकी संपत्तियों को अवैध तरीके से जब्त किया है।
भारत की उम्मीदें और अगला कदम
चोकसी की गिरफ्तारी भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, खासतौर पर ऐसे समय में जब सरकार विदेशी भगोड़ों को वापस लाने की दिशा में लगातार प्रयासरत है। अगर प्रत्यर्पण सफल होता है तो यह पीएनबी घोटाले की जांच और न्याय प्रक्रिया में बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।
अब निगाहें बेल्जियम की अदालत पर टिकी हैं, जहां यह तय होगा कि क्या मेहुल चोकसी को भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा या नहीं। यदि अदालत भारत के पक्ष में फैसला देती है, तो चोकसी को जल्द ही भारत लाया जा सकता है, जहां उसे अदालत में पेश कर कानूनी कार्रवाई का सामना करना होगा।