महाराष्ट्र / गैंगस्टर छोटा राजन अपने खिलाफ दर्ज पहले बड़े मामले में 38 साल बाद हुआ बरी

मुंबई के एक कोर्ट ने गैंगस्टर छोटा राजन को एक पुलिस अफसर की हत्या की कोशिश के 1983 के मामले में गुरुवार को बरी कर दिया। यह राजन के खिलाफ दर्ज पहला बड़ा केस था। 2015 में इंडोनेशिया से राजन की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई को यह केस मिला था जिसने कहा कि उसे कोई गवाह या सबूत नहीं मिला।

Vikrant Shekhawat : Oct 29, 2021, 01:52 PM
मुंबई: मुंबई की एक स्पेशल सीबीआई अदालत ने गुरुवार को गैंगस्टर छोटा राजन को हत्या की कोशिश के एक मामले में बरी कर दिया। इस मामले में छोटा राजन पर दो पुलिसवालों से बुरा बर्ताव करने और उनपर हमला का आरोप लगा था। छोटा राजन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या की कोशिश) और धारा 353 के तहत केस दर्ज किया गया था।

सीबीआई की अदालत में मौजूद स्पेशल जज एटी वानखेड़े ने इस मामले में छोटा राजन को बरी किया। इस केस से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि इस केस के ज्यादातर गवाह लापता थे और यहां तक कि केस से जुड़े रिकॉर्ड भी गुम हो गए थे। 

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने मुंबई पुलिस से इस केस की जांच अपने हाथ में ली थी।  सीबीआई ने इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल किया था। सीबीआई ने कहा था कि इस केस से जुड़े कागजात गायब हैं और गवाह भी लापता हैं।     

हालांकि, कोर्ट ने एजेंसी से कहा था कि वो जांच को जारी रखे। बता दें कि साल 1983 में पुलिस ने एक टैक्सी को रोका था। इस टैक्सी में राजन और उसके सहयोगी शराब की तस्करी कर रहे थे। दो पुलिसवालों ने जब टैक्सी को रोकने की कोशिश की थी तब राजन ने गिरफ्तार होने से पहले उनपर चाकू से हमला किया था। इसी मामले में वो बरी हो गया है।

साल 2015 में इंडोनेशिया से लाए जाने के बाद राजन को दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल में रखा गया था। राजन पर करीब 70 केस चल रहे हैं। साल 2011 में पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या के आरोप में भी उम्रकैद की सजा मिली हुई है।