नागरिकता संशोधन बिल / कर्नाटक में दस्तावेज जुटाने में लगे मुस्लिम, NRC लागू होने का डर

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से मंजूरी मिलने के बाद नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 अब कानून में बदल गया है। इस कानून के बाद कर्नाटक में मुस्लिम परिवार नागरिकता साबित करने वाले दस्तावेज जुटाने में लगे हुए हैं। राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) से पहले कर्नाटक में मुस्लिम परिवार आधार कार्ड से लेकर मृत्यु प्रमाण पत्र तक तमाम सरकारी दस्तावेज जुटा रहे हैं।

AajTak : Dec 13, 2019, 10:13 AM
दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से मंजूरी मिलने के बाद नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 अब कानून में बदल गया है। इस कानून के बाद कर्नाटक में मुस्लिम परिवार नागरिकता साबित करने वाले दस्तावेज जुटाने में लगे हुए हैं। राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) से पहले कर्नाटक में मुस्लिम परिवार आधार कार्ड से लेकर मृत्यु प्रमाण पत्र तक तमाम सरकारी दस्तावेज जुटा रहे हैं।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से मंजूरी मिलने के बाद नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 अब कानून में बदल गया है। इस कानून के बाद कर्नाटक में मुस्लिम परिवार नागरिकता साबित करने वाले दस्तावेज जुटाने में लगे हुए हैं। राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) से पहले कर्नाटक में मुस्लिम परिवार आधार कार्ड से लेकर मृत्यु प्रमाण पत्र तक तमाम सरकारी दस्तावेज जुटा रहे हैं।

मुस्लिम जुटा रहे दस्तावेज

अपनी पिछली पीढ़ियों के ब्योरा के साथ कई परिवारों ने हलफनामा बनवाने के लिए नोटरी से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। इस बीच, मुस्लिमों के लिए काम करने वाले सामुदायिक नेताओं, मस्जिदों, जमात और कई नागरिक संगठनों ने लोगों को विभिन्न दस्तावेजों के बारे में बताना शुरू कर दिया है। मुस्लिम परिवारों को नागरिकता साबित करने वाले जरूरी दस्तावेजों के बारे में बताया जा रहा है।

वक्फ बोर्ड ने जारी किया सर्कुलर

इस सिलसिले में वक्फ बोर्ड ने राज्य में मस्जिदों को एक सर्कुलर जारी किया है। इनमें से कई ने पहले से ही लोगों को संगठित करना शुरू कर दिया था। लोगों को आवश्यक दस्तावेजों की चेकलिस्ट बताई जा रही है। इन दस्तावेजों में 1951 से पहले या निवास प्रमाण, भूमि संबंधी कागजात और किरायेदार रिकॉर्ड, पासपोर्ट, एलआईसी पॉलिसी और एजुकेशनल सर्टिफिकेट्स शामिल हैं।बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक को संसद की मंजूरी मिलने के बाद अब देश के विभिन्न हिस्सों में अवैध तरीके से निवास करने वाले अप्रवासियों के लिए अपने निवास का कोई प्रमाण पत्र नहीं होने के बावजूद नागरिकता हासिल करना सुगम हो जाएगा।