Bajrang Punia News / NADA ने 4 साल के लिए बजरंग पूनिया को किया सस्पेंड, बड़ी वजह भी सामने आई

भारत के स्टार पहलवान बजरंग पूनिया को नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) ने डोप टेस्ट में नमूना न देने पर चार साल के लिए निलंबित कर दिया है। उनका निलंबन 23 अप्रैल 2024 से लागू होगा। निलंबन के बाद, बजरंग प्रतिस्पर्धी कुश्ती में वापसी नहीं कर सकेंगे।

Vikrant Shekhawat : Nov 27, 2024, 08:47 AM

Bajrang Punia News: नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) ने भारत के दिग्गज पहलवान बजरंग पूनिया को चार साल के लिए निलंबित कर दिया है। यह फैसला तब लिया गया जब उन्होंने मार्च में डोप टेस्ट के लिए अपना नमूना देने से इनकार कर दिया था। नाडा का यह कड़ा कदम भारतीय खेलों में डोपिंग नियमों की सख्ती का संकेत देता है। बजरंग का निलंबन 23 अप्रैल 2024 से प्रभावी होगा।


डोपिंग नोटिस और विवाद

23 जून को बजरंग को भेजा गया नोटिस: नाडा ने बजरंग पूनिया को सबसे पहले 23 अप्रैल 2024 को निलंबित कर दिया था। इसके बाद, यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने भी उन्हें निलंबित कर दिया। बजरंग ने इस निलंबन के खिलाफ अपील की थी, जिसके बाद नाडा के अनुशासनात्मक डोपिंग पैनल (ADDP) ने 31 मई को इस निलंबन को रद्द कर दिया था। हालांकि, नाडा ने 23 जून को बजरंग को डोपिंग से संबंधित आरोपों का नोटिस जारी किया, जिससे यह मामला और गंभीर हो गया।


प्रतिस्पर्धी कुश्ती से दूरी

चार साल का निलंबन: नाडा के अनुशासनात्मक पैनल ने पाया कि बजरंग ने अनुच्छेद 10.3.1 का उल्लंघन किया है, जिसके तहत चार साल का निलंबन अनिवार्य है। पैनल के अनुसार, निलंबन की शुरुआत उस दिन से मानी जाएगी जब उन्हें पहली बार नोटिस दिया गया था। इस प्रतिबंध के कारण बजरंग प्रतिस्पर्धी कुश्ती में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। इसके अलावा, वह विदेश में कोचिंग की भूमिका के लिए भी आवेदन करने में असमर्थ रहेंगे। यह फैसला उनके करियर पर एक बड़ा प्रभाव डालेगा।


राजनीतिक सफर

कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए बजरंग: बजरंग पूनिया ने न केवल खेल में बल्कि राजनीतिक क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक 2021 में भारत के लिए कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। लेकिन हाल के वर्षों में, वह भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का हिस्सा बने। इस दौरान उन्होंने दिल्ली के जंतर-मंतर पर आन्दोलन किया और बाद में कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। पार्टी ने उन्हें अखिल भारतीय किसान कांग्रेस का प्रभार सौंपा। साथ ही, उनकी साथी पहलवान विनेश फोगाट हरियाणा के जुलाना से विधानसभा सदस्य चुनी गईं।


निष्कर्ष

बजरंग पूनिया पर लगाया गया यह निलंबन भारतीय कुश्ती के लिए एक बड़ा झटका है। जहां एक ओर यह मामला एथलीट्स के लिए डोपिंग नियमों की गंभीरता को दर्शाता है, वहीं दूसरी ओर यह उनके खेल और राजनीतिक करियर को एक अलग दिशा में मोड़ने वाला साबित हो सकता है।