Gaganyaan Mission / इसरो के मिशन गगनयान के अंतरिक्ष यात्रियों के नामों का होगा खुलासा, PM मोदी कराएंगे परिचय

भारत के स्पेस मिशन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एक बड़ा खुलासा करने वाले हैं। प्रधानमंत्री मोदी आज उन चार अंतरिक्ष यात्रियों का परिचय करवाने वाले हैं जिन्हें भारत के पहले मानव स्पेस मिशन गगनयान के लिए चुना गया है। साल 2018 में जब PM ने देश के पहले मानव स्पेस मिशन गगनयान की घोषणा की थी तब से लेकर अब तक इन पायलट्स की पहचान को गोपनीय रखा गया था।

Vikrant Shekhawat : Feb 27, 2024, 11:10 AM
Gaganyaan Mission: भारत के स्पेस मिशन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एक बड़ा खुलासा करने वाले हैं। प्रधानमंत्री मोदी आज उन चार अंतरिक्ष यात्रियों का परिचय करवाने वाले हैं जिन्हें भारत के पहले मानव स्पेस मिशन गगनयान के लिए चुना गया है। साल 2018 में जब PM ने देश के पहले मानव स्पेस मिशन गगनयान की घोषणा की थी तब से लेकर अब तक इन पायलट्स की पहचान को गोपनीय रखा गया था।

चारों पायलट लगातार कर रहे ट्रेनिंग 

इसरो के सूत्रों के मुताबिक भारतीय वायु सेना में बतौर टेस्ट पायलेट सेवाएं दे रहे विंग कमांडर अथवा ग्रुप कैप्टन पद पर सेवारत 4 लोगों का चयन इस मिशन के लिए किया गया। ये चारों इस मिशन के लिए लगातार ट्रेनिंग कर रहे हैं। इसरो सूत्रों के मुताबिक प्रसनजीत नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और चौहान (पूरा नाम अभी उपलब्ध नहीं है) ये 4 टेस्ट पायलट हैं जिन्हें इसरो ने अपने गगनयान मिशन के लिए चुना है।

विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर में पीएम करेंगे मुलाकात

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तिरुवंतपुरम के विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर पहुंच रहे हैं और वहीं पर प्रधानमंत्री इन पायलट्स से पहली बार सार्वजनिक रूप से मिलेंगे और इन्हें अंतरिक्ष यात्री यानी एस्ट्रोनॉट्स का बैज सौंपेंगे। 2018 में मिशन गगनयान के ऐलान के बाद सैकड़ों पायलट्स ने भारत का पहला अंतरिक्ष यात्री बनने की प्रक्रिया में भाग लिया था कई पैमानों पर उनके टेस्ट लिए गए। इस टेस्ट के बाद सितंबर 2019 में फर्स्ट  लेवल सलेक्शन पूरा हुआ। इसके बाद 12 पायलट ही इसमें जगह बना पाए।

पायलटों की रूस में भी हुई ट्रनिंग

साल 2020 की शुरुआत में इन 12 पायलट्स में से आखिरी चार का चयन किया गया, जिन्हें एस्ट्रोनॉट की ट्रेनिंग के लिए रूस भेजा गया था। हालांकि कोरोना के चलते उनकी ट्रेनिंग में देरी हुई, साल 2021 में रूस में उनकी ट्रेनिंग पूरी हुई जिसके बाद से देश की आर्म्ड फोर्सेज के साथ और इसरो के अलग अलग संस्थानों में उनकी फिजिकल और टेक्निकल ट्रेनिंग जारी है, इसरो ने बेंगलुरू में ह्यूमन स्पेस फ्लाइट सेंटर भी बनाया है जहां एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग फेसेलिटी में पायलट्स स्पेशल ट्रेनिंग ले रहे हैं।