Vikrant Shekhawat : Mar 04, 2020, 11:07 AM
जयपुर | खेल एवं युवा मामलों के राज्य मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि राज्य में जल्द खेल नीति लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ दिलाया जाएगा। अशोक चांदना मंगलवार को विधानसभा में मांग संख्या 24 (शिक्षा, कला एवं संस्कृति, खेलकूद तथा युवा सेवाएं) की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने शिक्षा, कला एवं संस्कृति, खेलकूद तथा युवा सेवाएं की 330 अरब, 98 करोड़ 13 लाख 71 हजार रूपये की अनुदान मांग ध्वनिमत से पारित कर दी। चांदना ने कहा कि खिलाड़ियों के हित में खेल नीति लगभग पूरी बना ली है। सदस्यों के सुझावों को शामिल करते हुए कुछ जरूरी संशोधन के साथ शीघ्र ही राज्य खेल नीति जारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि आज सदन में उठे बिन्दुओं में से लगभग 90 फीसदी इसमें शामिल कर लिए गए हैं। खेलों के विकास के लिए आवश्यक शेष बातें भी इसमें सम्मिलित की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियों में खिलाड़ियों को दो फीसदी आरक्षण देने में आ रही अड़चनों को दूर किया जा रहा है। राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों और पेरा खिलाड़ियों को भी इसका लाभ दिया जाएगा। स्कूल-विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं खेलने वालों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। अन्तर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सीधी सरकारी नौकरी दी जाएगी। वेकेंसी नहीं होने पर भी पोस्टिंग दी जाएगी, जिन्हें वेकेंसी आने पर कंज्यूम कर लिया जाएगा । साथ ही इन नौकरियों का दायरा बढ़ाकर 52 से 56 विभाग किए गए हैं। चांदना ने कहा कि स्टार खिलाड़ियों का नए खिलाड़ियों के साथ इंटरेक्शन कराने के लिए प्रोग्राम चालू किया जाएगा। खिलाड़ियों को चोट से उबारने के लिए रिहेबिलिटेशन सेंटर शुरू किए जाएंगे। खिलाड़ियों की तकनीक सुधारने के लिए शिविर लगाए जाएंगे। एशियाड, कॉमनवेल्थ एवं ओलंपिक प्रतियोगिताओं के मध्यनजर विशेष बैच चलाए जाएंगे। खिलाड़ियों के अनुकूल करिकुलम बनाकर स्पोट्र्स स्कूल शुरू की जाएगी। ब्लॉक स्तर पर कोच सेवाएं शुरू करने के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी। कोचिंग के लिए राशि तीन करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ कर दी गई है जिससे अगले साल पांच सौ नए प्रशिक्षक मिलेंगे। ग्रामीण खेलों को बढ़ावा देने के लिए नीति बनाई जाएगी। बांसवाड़ा-डूंगरपुर जिलों में तीरंदाजी के नेचुरल टेलेंट को निखारने के लिए एक माह के भीतर आधुनिक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। नीमकाथाना में खेल स्टेडियम निर्माण के लिए राशि जारी कर दी गई है।चांदना ने कहा कि राजस्थान राज्य खेल आयोजित करने वाला पहला प्रदेश है। गत 2 से 6 जनवरी तक आयोजित इन खेलों में आठ हजार खिलाड़ियों ने भाग लिया जिसकी बदौलत प्रदेश ने खेलो इंडिया में 51 पदक जीते जो पिछली बार की बजाय सात ज्यादा है। साथ ही स्वर्ण एवं रजत पदकों की संख्या में डेढ़ गुणा इजाफा पदकों गुणात्मक वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि गत जनवरी में लखनऊ में आयोजित 23वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव में आयोजित 18 प्रतियोगाताओं में से नौ प्रतियोगिताओं में राज्य के युवाओं को पदक मिले हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने बजट में ओलम्पिक मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए इनामी राशि बढ़ाकर नया रोडमेप तैयार किया है। हमारी सरकार ने ओलम्पिक मेडल गोल्डमेडल जीतने वालों की प्रोत्साहन राशि 75 लाख से बढाकर 3 करोड़ करदी है। रजत पदक विजेता के लिए प्रोत्साहन राशि 50 लाख से बढ़ाकर 2 करोड़ तथा कांस्य पदक विजेता के लिए प्रोत्साहन राशि 1 करोड़ रूपये की गई है। इसी प्रकार एशियाड, कोमनवेल्थ स्वर्ण पद विजेता को 1 करोड़ ,रजत पदक विजेता को 60 तथा कांस्य पद विजेता को 30 रूपये की प्रोत्साहन राशि दिये जाने का प्रावधान किया गया है । इससे खेलों के लिए माहौल बनेगा और भविष्य में देश और प्रदेश के लिए मेडल लाने का लक्ष्य पूरा होगा। मेडल विजेताओं की राशि बढ़ाकर हरियाणा की टक्कर में ला दिया है। खिलाड़ियों के रहने-खाने एवं यात्रा को सुगम बनाने के लिए भत्ता दोगुना कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमने वरिष्ठ खिलाड़ियों को सम्मानित करने की परम्परा शुरू की है। निजी संस्थाओं की ओर से स्टेडियम, खेल मैदान, क्रीड़ा संकुल बनाने के लिए भू परिवर्तन शुल्क में पूरी तरह छूट दी गई है। चांदना ने केन्द्र सरकार से खेल हित में खेलो इंडिया के तहत राशि जारी करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया अन्तर्गत वर्ष 2017-18 में 51.90 करोड़ रुपए राज्य को मिले, लेकिन सरकार बदलने के बाद साल 2018-19 में कोई राशि जारी नहीं की गई, जबकि 2019-20 में मात्र 7.98 करोड़ रुपए दिए गए। चांदना ने केन्द्र सरकार से यूथ हॉस्टल निर्माण के लिए राशि देने की मांग करते हुए कहा कि साल 2012 में नौ यूथ हॉस्टल के लिए राज्य सरकार ने जमीन आवंटित कर दी थी, लेकिन गत छह साल में केन्द्र सरकार ने कोई राशि नहीं दी है जिससे निर्माण शुरू नहीं किया जा सका। चांदना ने कहा कि उदयपुर के खेलगांव में निजी स्कूल के लिए साल 2014-05 में यूआईटी की ओर से जमीन आवंटित की गई और तत्कालीन मुख्यमंत्री के कर कमलों से निर्माण कार्य शुरू हुआ।