Vikrant Shekhawat : Sep 11, 2021, 03:15 PM
नई दिल्ली: भारत में दहशत फैलाने के नापाक इरादे के साथ आए लश्कर-ए-तैय्यबा के एक आतंकवादी को अदालत ने 7 साल जेल की सजा सुनाई है। एनआईए की एक स्पेशल कोर्ट ने शुक्रवार को पाकिस्तान के इस आतंकी को यह सजा सुनाई। अदालत ने इस आतंकी को भारत में विभिन्न स्थलों पर आतंकी साजिश रचने का दोषी पाया है। पाकिस्तान के कराची से ताल्लुक रखने वाले मोहम्मद आमिर पर यूएपीए एक्ट, आर्म्स एक्ट समेत अन्य धाराएं लगाई गई थीं। एनआईए के अधिकारियों ने कहा कि आमिर अपने साथ तीन साथियों के साथ पाकिस्तान के रास्ते भारत में अवैध तरीके से घुसा था। इनके पास हथियार, विस्फोटक और अन्य युद्ध सामग्रियां थीं। सीमा के उस पर बैठे अपने आकाओं के हुक्म पर यह सभी भारत में विभिन्न स्थलों पर बड़ी आतंकी साजिश को अंजाम देने की कोशिश में जुटे थे। आमिर को जम्मू और कश्मीर के मगाम से नवंबर, 2017 में गिरफ्तार किया गया था। इसी महीने आमिर के तीन साथियों को सुरक्षा बलों ने एनकाउंटर में मार गिराया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मई, 2018 में आमिर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। एनआईए ने आमिर के खिलाफ अदालत में ठोस सबूत पेश किये। जिसके आधार पर एनआईए की एक स्पेशल अदालत ने 6 अप्रैल को आमिर को दोषी पाया था।इसके बाद अदालत ने आमिर की सजा का ऐलान किया। आमिर को अदालत ने 7 साल जेल की सजा सुनाई और जुर्माना भी लगाया। आपको याद दिला दें कि इसी साल मार्च के महीने में दिल्ली के पटियाला हाऊस स्थित राष्ट्रीय जांच एजेंसी की विशेष अदालत ने लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तानी आतंकवादी बहादुर अली उर्फ सैफुल्ला मंसूर को भी सजा सुनाई थी। सैफुल्ला मंसूर को भारत में आतंकी हमले करने के लिए बड़ी साजिश रचने का दोषी पाया गया था। सुरक्षाबलों ने 25 जुलाई 2016 को बहादुर अली उर्फ सैफुल्ला मंसूर को उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा के यहामा मुकाम हंदवाड़ा गांव में एक मुठभेड़ के बाद पकड़ा था। इस दौरान उसके पास से एक एके-47 राइफल, यूबीजीएल, हथगोले, एक नक्शा, वायरलेस सेट, जीपीएस, कंपास और अन्य सामान जब्त किए गए थे।