Jammu-Kashmir News / गांदरबल में 2019 के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला, TRF ने ली जिम्मेदारी

जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में 2019 के बाद का सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ, जिसमें सात लोगों की मौत और पांच घायल हुए। टीआरएफ, लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन ने जिम्मेदारी ली है। हमले का मास्टरमाइंड शेख सज्जाद गुल, पाकिस्तान में छिपा है। एनआईए ने उस पर 10 लाख रुपये का इनाम रखा है।

Vikrant Shekhawat : Oct 21, 2024, 12:50 PM
Jammu-Kashmir News: जम्मू कश्मीर के गांदरबल में हाल ही में 2019 के बाद का सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ है, जिसमें सात लोगों की मौत हो चुकी है और पांच अन्य घायल हुए हैं। इस हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ (द रेसिस्टेंस फ्रंट) ने ली है, जो दरअसल लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है। टीआरएफ के आतंकी जम्मू कश्मीर में लंबे समय से सक्रिय हैं, और इस बार फिर उन्होंने एक बड़ा हमला कर सुरक्षा एजेंसियों को चुनौती दी है। घटना के बाद सभी आतंकी मौके से फरार हो गए हैं, और उनके पीछे सुरक्षा बलों ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।

शेख सज्जाद गुल: हमले का मास्टरमाइंड

इस हमले का मास्टरमाइंड शेख सज्जाद गुल बताया जा रहा है, जो फिलहाल पाकिस्तान में छिपा हुआ है। शेख सज्जाद गुल का नाम आतंकी गतिविधियों में पहले से ही शामिल रहा है, और एनआईए (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) ने 2019 में उस पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। वह अपने नेटवर्क को पाकिस्तान से ऑपरेट कर रहा है, और उसके साथ तीन अन्य आतंकी भी हैं, जो उसकी मदद कर रहे हैं। शेख सज्जाद गुल पाकिस्तानी आतंकियों के साथ मिलकर स्थानीय युवाओं को आतंकवाद के रास्ते पर ले जाने की कोशिश कर रहा है, जिससे कश्मीर घाटी में फिर से अशांति फैलाने की योजना है।

चुनाव के बाद आतंकियों की सक्रियता

सूत्रों के अनुसार, हाल के चुनावों के बाद आतंकी संगठन जनता और सुरक्षा एजेंसियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी वजह से वे टारगेट किलिंग जैसे हमलों को अंजाम दे रहे हैं। यह हमला 2019 के बाद से सबसे बड़ी टारगेट किलिंग घटना मानी जा रही है। इस तरह के हमलों के जरिए आतंकी संगठन कश्मीर में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहते हैं और घाटी में फिर से अस्थिरता पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं।

स्थानीय लड़कों की संलिप्तता

शेख सज्जाद गुल और उसके साथी पाकिस्तानी आतंकियों के साथ मिलकर जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय युवाओं को गुमराह कर रहे हैं। स्थानीय लड़कों की इस साजिश में संलिप्तता सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि इससे घाटी में आतंकवाद का नया चेहरा सामने आ रहा है। पाकिस्तानी आतंकी नेटवर्क और स्थानीय लोगों की भागीदारी ने कश्मीर में सुरक्षा को लेकर नई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं।

निष्कर्ष

गांदरबल में हुआ यह आतंकी हमला 2019 के बाद की सबसे बड़ी और संगठित आतंकी घटना मानी जा रही है। यह घटना दर्शाती है कि आतंकवाद के खिलाफ जारी सुरक्षा बलों की कोशिशों के बावजूद आतंकवादी संगठनों का नेटवर्क अभी भी मजबूत है। पाकिस्तान में बैठे आतंकी सरगना और स्थानीय युवाओं की भागीदारी ने इस खतरे को और बढ़ा दिया है। अब सुरक्षा एजेंसियों के सामने चुनौती है कि वे इन आतंकियों का पता लगाकर उन्हें न्याय के कठघरे में लाएं, ताकि जम्मू कश्मीर में शांति और स्थिरता स्थापित हो सके।