Bihar NIA Raid / NIA गजवा-ए-हिंद मॉड्यूल को लेकर एक्शन में, तीन राज्यों में की ताबड़तोड़ छापेमारी

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने पिछले साल बिहार में भंडाफोड़ किए गए 'गजवा-ए-हिंद' आतंकी मॉड्यूल की जांच के तहत रविवार को तीन राज्यों में कई जगहों पर छापेमारी की. जांच में सामने आया कि इसे पाकिस्तान स्थित संदिग्ध ऑपरेट कर रहे थे. एक अधिकारी ने कहा कि कुल पांच जगहों पर - एक दरभंगा में और दो पटना (सभी बिहार), एक सूरत (गुजरात) और एक बरेली (उत्तर प्रदेश) में छापेमारी की गई. अधिकारी ने कहा कि उन्होंने छापेमारी के

Vikrant Shekhawat : Jul 03, 2023, 08:25 AM
NIA Raids: नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने पिछले साल बिहार में भंडाफोड़ किए गए 'गजवा-ए-हिंद' आतंकी मॉड्यूल की जांच के तहत रविवार को तीन राज्यों में कई जगहों पर छापेमारी की. जांच में सामने आया कि इसे पाकिस्तान स्थित संदिग्ध ऑपरेट कर रहे थे. एक अधिकारी ने कहा कि कुल पांच जगहों पर - एक दरभंगा में और दो पटना (सभी बिहार), एक सूरत (गुजरात) और एक बरेली (उत्तर प्रदेश) में छापेमारी की गई. अधिकारी ने कहा कि उन्होंने छापेमारी के दौरान डिजिटल डिवाइस (मोबाइल फोन, मेमोरी कार्ड), सिम कार्ड और दस्तावेज सहित आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है.

गिरफ्तारी के बाद हुए खुलासे

अधिकारी ने कहा, 'यह मामला तब सामने आया, जब बिहार पुलिस ने फुलवारी शरीफ के मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर को गिरफ्तार किया. उसके खिलाफ 14 जुलाई, 2022 को मामला दर्ज किया था. एनआईए ने 22 जुलाई 2022 को मामले को अपने हाथ में ले लिया. मरगूब के खिलाफ 6 जनवरी को चार्जशीट दाखिल की गई थी.'

अधिकारी ने कहा कि आरोपी को उस मॉड्यूल का सदस्य पाया गया, जो पाकिस्तान स्थित गुर्गे चलाते थे. इसका मकसद भारतीय क्षेत्र में गजवा-ए-हिंद की स्थापना के लिए प्रभावशाली युवाओं को कट्टरपंथी बनाना था.

जांच से पता चला कि मरगूब एक व्हाट्सएप ग्रुप 'गज़वा-ए-हिंद' का एडमिन था, जिसे ज़ैन नाम के एक पाकिस्तानी नागरिक ने बनाया था. उसने आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए देश में स्लीपर सेल बनाने के मकसद से कई भारतीयों, पाकिस्तानियों, बांग्लादेशियों और यमनी नागरिकों को समूह में जोड़ा था.

सोशल मीडिया ग्रुप से चलता था काम

आरोपी ने व्हाट्सऐप, टेलीग्राम और बीआईपी मैसेंजर पर 'गज़वा-ए-हिंद' के विभिन्न सोशल मीडिया ग्रुप बनाए थे. उसने 'बीडीग़ज़वा ए हिंदबीडी' के नाम से एक और व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया था और इसमें बांग्लादेशी नागरिकों को जोड़ा था. जांच से पता चला कि मामले में शामिल विभिन्न संदिग्ध पाकिस्तान स्थित हैंडलर्स के संपर्क में थे और गजवा-ए-हिंद के विचार का प्रचार करने में शामिल थे. रविवार को एनआईए की छापेमारी तीन राज्यों में इन संदिग्धों के ठिकानों पर की गई. अधिकारियों ने कहा कि मामले में आगे की जांच जारी है.