Noel Tata Chairman: रतन टाटा के निधन के बाद उनके उत्तराधिकार को लेकर उठ रहे सवालों पर अब विराम लग गया है। उनके सौतेले भाई नोएल टाटा को सर्वसम्मति से टाटा ट्रस्ट का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है। नोएल पहले से ही टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी के रूप में सेवा कर रहे थे, और अब उन्हें टाटा समूह की विशाल परोपकारी संरचना की जिम्मेदारी सौंपी गई है। टाटा ट्रस्ट के अधीन आने वाले सर रतन टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट, टाटा संस की 52% हिस्सेदारी रखते हैं, जो टाटा समूह के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
नोएल टाटा का पेशेवर सफर
नोएल टाटा पिछले 40 वर्षों से टाटा समूह से जुड़े हुए हैं और कंपनी के विभिन्न आयामों में सक्रिय भूमिका निभाते आए हैं। वर्तमान में वह टाटा इंटरनेशनल, वोल्टास और टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन के चेयरमैन हैं, साथ ही टाटा स्टील और टाइटन कंपनी लिमिटेड के वाइस चेयरमैन भी हैं। इसके अलावा, वह सर रतन टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के सदस्य भी हैं, जो टाटा समूह के सामाजिक और आर्थिक योगदान की दिशा में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
ट्रस्ट का ऐतिहासिक फैसला
मुंबई में हुई सर रतन टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट की बैठक में नोएल टाटा को सर्वसम्मति से चेयरमैन चुना गया। इस फैसले के बाद अब नोएल टाटा, अपने तीन बच्चों—नेवेल, माया, और लिआ के साथ, दुनियाभर में फैले टाटा समूह का कारोबार संभालेंगे। टाटा ग्रुप, जो कि 100 से अधिक देशों में व्यापारिक गतिविधियाँ संचालित करता है, नोएल टाटा की अगुवाई में अपने साम्राज्य को और विस्तार देने की दिशा में आगे बढ़ेगा।
नोएल टाटा और उनके बच्चों की भूमिका
नोएल टाटा के तीनों बच्चे टाटा समूह में अलग-अलग जिम्मेदारियाँ निभा रहे हैं और अपने पिता के साथ मिलकर समूह के कारोबार को आगे बढ़ा रहे हैं। उनकी सबसे बड़ी बेटी लिआ टाटा, होटल इंडस्ट्री में सक्रिय हैं और ताज होटल्स, रिसॉर्ट्स एंड पैलेसेस में असिस्टेंट सेल्स मैनेजर के रूप में अपने करियर की शुरुआत कर चुकी हैं। माया टाटा ने टाटा अपॉर्चुनिटीज़ फंड में अपने करियर की शुरुआत की थी और नेवेल टाटा भी समूह के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं।
टाटा ट्रस्ट और समूह की साम्राज्यिक स्थितिटाटा ट्रस्ट, टाटा समूह की परोपकारी संस्थाओं का प्रमुख हिस्सा है, जो 13.8 लाख करोड़ रुपये के विशाल समूह का संचालन करता है। यह ट्रस्ट टाटा समूह की 66% हिस्सेदारी का मालिक है, जो इसे दुनिया के सबसे बड़े कॉर्पोरेट और परोपकारी संगठनों में से एक बनाता है। नोएल टाटा की नियुक्ति न केवल समूह की निरंतरता सुनिश्चित करेगी, बल्कि आने वाले समय में टाटा की विरासत को और मजबूती से आगे बढ़ाएगी।नोएल टाटा की नियुक्ति से यह साफ हो गया है कि टाटा समूह की बागडोर अब सक्षम हाथों में है, और उनके परिवार के सदस्य भी उनके साथ मिलकर इस साम्राज्य को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।