Dainik Bhaskar : Oct 31, 2019, 11:23 AM
मुंबई | शिवसेना नेता संजय राउत ने बुधवार को कहा कि पार्टी का भाजपा के साथ गठबंधन में शामिल रहना जरूरी है। यह महाराष्ट्र के हित में होगा लेकिन आत्मसम्मान के साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगली सरकार बनाने की जल्दी नहीं है। राउत ने ऐसी किसी भी अटकलों को सिरे से खारिज किया कि यदि मंत्रिमंडल के गठन में देरी होती है तो शिवसेना अलग हो सकती है।राज्य सभा से सांसद राउत ने संवाददाताओं से कहा, “कोई व्यक्ति नहीं बल्कि राज्य का हित ज्यादा महत्वपूर्ण है। निर्णय शांत तरीके से लिए जाने की जरूरत है और यह दिमाग राज्य हित में लगाए जाने चाहिए।” 50:50 फॉर्मूले को लागू करने के सवाल पर राउत ने कहा, “आप (मीडिया) ऐसा कह रहे हैं। हम बस यह चाहते हैं कि होना वही चाहिए जो चुनाव से ठीक पहले तय किया गया था। सरकार गठन में हो रही देरी से शिवसेना के नवनियुक्त विधायकों के पार्टी छोेड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता।”
राज्य में गठबंधन की सरकार बनेगी: फडणवीसमहाराष्ट्र में भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों ने बुधवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को विधायक दल का नेता चुना। इसके बाद फडणवीस ने कहा कि जनता ने महागठबंधन को चुना है। किसी अफवाह पर भरोसा न करें। राज्य में गठबंधन की सरकार बनेगी। शिवसेना ढाई साल अपना मुख्यमंत्री बनाए जाने पर अड़ी है। हालांकि, फडणवीस पहले ही साफ कर चुके हैं कि 5 साल तक वे मुख्यमंत्री रहेंगे। मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि अगले 2 दिनों में सब फाइनल हो जाएगा और 4 दिनों में शपथ ग्रहण होगा।फडणवीस और ठाकरे की फोन पर बात हुई: रिपोर्टमुख्यमंत्री पद को लेकर अमित शाह और उद्धव ठाकरे के बीच आज चर्चा होनी थी, लेकिन शाह गुजरात दौरे पर हैं। एक मराठी चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री फडणवीस और उद्धव ठाकरे के बीच फोन पर बात हुई। दोनों ने बैठक करके जल्द ही समाधान निकालने पर सहमति जताई है। शिवसेना ने भी गुरुवार को अपने विधायकों की बैठक बुलाई। संजय राउत मातोश्री पहुंचकर उद्धव के मिले।चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय विधायक किशोर जोर्गेवार मुख्यमंत्री फडणवीस से मिले और भाजपा को समर्थन देने का ऐलान किया। मंगलवार को भी दो निर्दलीय फडणवीस के समर्थन में आए थे। मंगलवार को फडणवीस ने कहा था- भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने स्पष्ट किया है कि शिवसेना के साथ मुख्यमंत्री पद को लेकर 50:50 फॉर्मूला जैसा कोई समझौता नहीं हुआ था। फडणवीस का यह बयान शिवसेना नेता संजय राउत के उस बयान के बाद आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उद्धव ठाकरे के पास भी सरकार बनाने के विकल्प हैं, लेकिन वे इसे स्वीकार करने का पाप नहीं करना चाहते।'शिवसेना के 45 विधायक मुख्यमंत्री फडणवीस के संपर्क में'इसके बाद फडणवीस ने सफाई दी थी कि लोकसभा चुनाव के समय शिवसेना ने ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन इस पर मेरे सामने कोई फैसला नहीं हुआ। अगर कुछ हुआ भी होगा तो अमित शाह और उद्धव ठाकरे ही तय करेंगे। वहीं, भाजपा के राज्यसभा सांसद संजय काकड़े ने कहा था कि शिवसेना के 45 नवनिर्वाचित विधायक मुख्यमंत्री फडणवीस के संपर्क में हैं। ये विधायक भाजपा के साथ गठबंधन चाहते हैं, इसलिए वे उद्धव को फडणवीस के नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए मना लेंगे।शाह के सामने 50:50 पर बात हुई, यहां कोई दुष्यंत नहीं: राउतसंजय राउत ने फडणवीस के बयान पर कहा था कि मुख्यमंत्री ने खुद 50:50 फॉर्मूला की बात की थी। उद्धवजी ने भी इस बारे में बात की थी। ये सब अमित शाह के सामने हुआ। सरकार बनाने में देरी के सवाल पर राउत ने कहा था कि महाराष्ट्र में कोई दुष्यंत नहीं है, जिसके पिता जेल में हैं। यहां हम हैं, जो धर्म और सत्य की राजनीति करते हैं। शरदजी (शरद पवार) ने भाजपा के खिलाफ माहौल बनाया और कांग्रेस कभी भाजपा के साथ नहीं जाएगी। भाजपा ने बहुमत से दूर रहने पर हरियाणा में जजपा के साथ गठबंधन कर उसके अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला को उपमुख्यमंत्री पद दिया था।शिवसेना के ढाई साल मुख्यमंत्री पद की मांग पर विवाद बढ़ा24 अक्टूबर को नतीजे घोषित होने के बाद शिवसेना के कुछ नेताओं ने मांग की है कि राज्य में ढाई साल शिवसेना और ढाई साल भाजपा का मुख्यमंत्री बने। शिवसेना ने 50:50 फॉर्मूले को ध्यान में रखते हुए मांग की थी कि दोनों पार्टियों के नेताओं को मुख्यमंत्री बनने का मौका मिले। शिवसेना के प्रताप सरनाइक ने कहा कि उद्धव को मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा आलाकमान से लिखित में लेना चाहिए। विधानसभा चुनाव में भाजपा को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिली हैं।फडणवीस का ट्वीट- 5 साल और सेवा करूंगाविधायक दल की बैठक के बाद देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट किया कि - मैंने 5 साल शिवाजी महाराज के सेवक की तरह काम किया और अगले पांच साल ऐसे ही करूंगा। भारतरत्न बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर द्वारा दिया गया संविधान हमारे लिए गीता, बाइबल और कुरान की तरह है। हमारे महान संविधान के बुनियादी सिद्धांतों के साथ अंतिम आदमी तक पहुंचाया जाएगा।