Live Hindustan : Sep 02, 2019, 07:34 AM
जम्मू-कश्मीर पर भारत सरकार के फैसले के बाद से पाकिस्तान के साथ तनातनी का माहौल है। भारतीय सेना पाकिस्तान बॉर्डर पर इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप (IBG) तैनात करने करने को पूरी तरह तैयार है। इस साल के अंत तक भारतीय सेना 3,323 किलोमीटर लंबी भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव के बीच अपने पहले एकीकृत बैटल ग्रुप (इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप) को तैनात करने के लिए तैयार है। भारतीय सेना ने अपनी पश्चिमी और पूर्वी सीमाओं की सुरक्षा के लिए 11 से 13 इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप बनाने और तैनात करने की योजना बनाई है। यह जानकारी थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने दी।
रक्षा मंत्रालय ने IX कॉर्प्स (11वीं वाहिनी) के पुनर्गठन को मंजूरी दे दी है, जो हिमाचल प्रदेश के योल में स्थित है, जिससे इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप बनाया जाए और उसे पश्चिमी सीमा पर तैनात किया जा सके। बता दें कि 2009 में बनाए गए IX कॉर्प्स सेना की सबसे युवा वाहिनी में से एक है और यह चंडीमंदिर, हरियाणा स्थित पश्चिमी सेना कमान का हिस्सा है।पाकिस्तान की नापाक हरकतों को विफल करने के लिए ही इंटिग्रेटिड बैटल ग्रुप्स बनाया गया है। यह सेना का सबसे बड़ा पुनर्गठन है और जनरल रावत इसके प्रमुख प्रस्तावक हैं। आईबीजी का लक्ष्य सेना के विभिन्न प्रभागों को एक नये समूह में शमिल करना है। इसमें तोप, टैंक, वायु रक्षा एवं साजो-सामान शामिल होंगे। इसे जंग के लिए पूरी तरह से तैयार इकाई बनाने की संभावना है।यह सेना की पुरानी लड़ाई के तरीकों से कुछ अलग होगी। युद्ध जैसे हालात में दुश्मनों से निपटने के लिए इंटिग्रेटिड बैटल ग्रुप काफी कारगर होगी। प्रत्येक इंटिग्रेटिड बैटल ग्रुप्स में कम से कम तीन ब्रिगेड शामिल होंगे। आईबीजी औसतन छोटा होगा और लड़ाई के लिए आवश्यक सभी हथियार और सैनिकों से लैस होगा। इसके पास वायु शक्ति, तोपखाने आदि होंगे। जहां पर तैनाती की जाएगी, उस आईबीजी के पास के हर ब्रिगेड में 6 से 8 बटालियन होगी। अधिकारी ने कहा कि आईबीजी औसतन 20,000- 25,000 जवानों को शामिल करेगा। जबकि प्रत्येक IBG एक स्व-निहित फाइटिंग इकाई होगी। हालांकि, यह अन्य यूनिट से समर्थन ले सकता है। आईबीजी छोटे और अधिक फ्लेक्सिबल होंगे, ताकी त्वरित एक्शन हो सके। प्रत्येक IBG की कमान प्रमुख जनरल रैंक के एक अधिकारी को सौंपी जाएगी।
रक्षा मंत्रालय ने IX कॉर्प्स (11वीं वाहिनी) के पुनर्गठन को मंजूरी दे दी है, जो हिमाचल प्रदेश के योल में स्थित है, जिससे इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप बनाया जाए और उसे पश्चिमी सीमा पर तैनात किया जा सके। बता दें कि 2009 में बनाए गए IX कॉर्प्स सेना की सबसे युवा वाहिनी में से एक है और यह चंडीमंदिर, हरियाणा स्थित पश्चिमी सेना कमान का हिस्सा है।पाकिस्तान की नापाक हरकतों को विफल करने के लिए ही इंटिग्रेटिड बैटल ग्रुप्स बनाया गया है। यह सेना का सबसे बड़ा पुनर्गठन है और जनरल रावत इसके प्रमुख प्रस्तावक हैं। आईबीजी का लक्ष्य सेना के विभिन्न प्रभागों को एक नये समूह में शमिल करना है। इसमें तोप, टैंक, वायु रक्षा एवं साजो-सामान शामिल होंगे। इसे जंग के लिए पूरी तरह से तैयार इकाई बनाने की संभावना है।यह सेना की पुरानी लड़ाई के तरीकों से कुछ अलग होगी। युद्ध जैसे हालात में दुश्मनों से निपटने के लिए इंटिग्रेटिड बैटल ग्रुप काफी कारगर होगी। प्रत्येक इंटिग्रेटिड बैटल ग्रुप्स में कम से कम तीन ब्रिगेड शामिल होंगे। आईबीजी औसतन छोटा होगा और लड़ाई के लिए आवश्यक सभी हथियार और सैनिकों से लैस होगा। इसके पास वायु शक्ति, तोपखाने आदि होंगे। जहां पर तैनाती की जाएगी, उस आईबीजी के पास के हर ब्रिगेड में 6 से 8 बटालियन होगी। अधिकारी ने कहा कि आईबीजी औसतन 20,000- 25,000 जवानों को शामिल करेगा। जबकि प्रत्येक IBG एक स्व-निहित फाइटिंग इकाई होगी। हालांकि, यह अन्य यूनिट से समर्थन ले सकता है। आईबीजी छोटे और अधिक फ्लेक्सिबल होंगे, ताकी त्वरित एक्शन हो सके। प्रत्येक IBG की कमान प्रमुख जनरल रैंक के एक अधिकारी को सौंपी जाएगी।