Vikrant Shekhawat : Jun 21, 2024, 08:32 AM
India-America Relations: भारत और अमेरिका अंतरिक्ष के क्षेत्र में काम करने के लिए तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। नासा प्रशासक बिल नेल्सन ने कहा है कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी भारत के साथ सहयोग बढ़ाएगी। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में एक भारतीय यात्री को भी शामिल किया जाएगा। नेल्सन का बयान अमेरिका और भारत की तरफ से एक फैक्टशीट जारी किए जाने के बाद आया है। इस फैक्टशीट में कहा गया है कि दोनों देश अमेरिका में इसरो के अंतरिक्ष यात्रियों के लिए आधुनिक प्रशिक्षण शुरू करने की दिशा में काम कर रहे हैं। अंतरिक्ष स्टेशन पर भारतीयनासा प्रशासक बिल नेल्सन ने बुधवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘पिछले साल की मेरी भारत यात्रा के बाद आगे बढ़ते हुए नासा मानवता के फायदे के लिए महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकी पर अमेरिका एवं भारत की पहल को बढ़ाती रहेगी। साथ मिलकर हम अंतरिक्ष में दोनों देशों के सहयोग का विस्तार कर रहे हैं, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर संयुक्त प्रयास में इसरो के एक अंतरिक्ष यात्री को शामिल करेंगे।’’ नेल्सन ने कहा, ‘‘इस मिशन की बारीकियां अभी तय की जा रही हैं लेकिन इन प्रयासों से भविष्य में अंतरिक्ष यात्रा में मदद मिलेगी जिससे धरती पर जीवन में सुधार आयेगा।’’
यह भी जानें बता दें कि, फैक्टशीट जारी किए जाने से पहले सोमवार को अमेरिकी एनएसए जेक सुलिवन और भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच ‘आईसीईटी (महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकी पर भारत-अमेरिका की पहल)’ वार्ता हुई थी। सुलिवन और डोभाल ने सोमवार को नई दिल्ली में कहा था कि अंतरिक्ष में परस्पर सहयोग को गहरा बनाने के लिए उन्होंने रणनीतिक मानव अंतरिक्ष उड़ान सहयोग रूपरेखा तय कर ली है और वो ‘नासा जॉनसन स्पेस सेंटर’ में इसरो अंतरिक्ष यात्रियों का प्रशिक्षण शुरू करने की दिशा में काम कर रहे हैं। बढ़ाना होगा सहयोग हाल ही में भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने जानकारी देते हुए कहा था कि अमेरिका इस वर्ष के अंत तक एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजेगा। उन्होंने कहा था कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के बीच एनआईएसएआर (NISAR) परियोजना के तहत एक संयुक्त मिशन को भी इस वर्ष के अंत तक शुरू किया जा सकता है। उन्होंने कहा था कि भारत ने पिछले साल मिशन चंद्रयान 3 पर जितनी राशि खर्च की, उतनी ही राशि अमेरिका ने भी इसी तरह के चंद्र मिशन पर खर्च की थी। गार्सेटी ने यह भी कहा था कि अमेरिका के पास कुछ क्षमताएं हैं, जिनकी कमी आज भी भारत में हैं। दोनों देशों को मिलकर अपनी क्षमताओं को मजबूत करने के लिए आपसी सहयोग बढ़ाना होगा।Building on my visit to India last year, NASA continues to further the United States and India initiative on Critical and Emerging Technology for the benefit of humanity. Together we are expanding our countries' collaboration in space, to include a joint effort aboard the…
— Bill Nelson (@SenBillNelson) June 19, 2024