Vikrant Shekhawat : Jun 26, 2020, 02:10 PM
बिज़नेस डेस्क | अब आपको रेडी-टू-ईट पॉपकॉर्न पर 18 फीसदी GST चुकाना होगा। कुछ दिनों पहले ऐसा ही एक फैसला AAR की कर्नाटक बेंच ने दिया था। AAR ने पराठा को 18 फीसदी GST के दायरे में रखा था और कहा था कि यह रोटी से अलग है। रोटी पर 5 फीसदी GST लगती है। कर्नाटक बेंच ने अपने फैसले में कहा था कि रोटी या पूरी खाने के लिए तैयार होती है जबकि पराठा को पहले गर्म करना पड़ता है, इसलिए इस पर 18 फीसदी GST लगेगा।अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग (AAR) की गुजरात बेंच ने कहा कि रेडी-टू-ईट (Ready to eat) पॉपकॉर्न को बनाने के लिए मक्के के दानों को गर्म करके उसमें नमक जैसे दूसरी सामग्रियां मिलाई जाती हैं लिहाजा इस पर 18 फीसदी GST लगाने को कहा है। AAR की गुजरात बेंच का यह फैसला पॉपकॉर्न बनाने वाली सूरत की एक कंपनी जय जालाराम एंटरप्राइज की याचिका की सुनवाई के दौरान हुआ। आपको बता दें कि हाल में कर्नाटक की एक कंपनी ने याचिका दायर की थी कि जिसमें पराठे को भी खाखरा, चपाती या रोटी के दायरे में रखा जाए और सिर्फ 5 फीसदी GST लिया जाए।खाद्य पदार्थों का वर्गीकरणखाने के ज्यादातर पदार्थ जो कि प्रोसेस्ड नहीं होते और आवश्यक हैं, उनपर जीएसटी की कोई दर नहीं लगती है। प्रोसेस्ड फूड पर पांच फीसद, 12 फीसदी और 18 फीसदी तक का टैक्स लगता है। उदाहरण के लिए समझें कि पापड़, ब्रेड पर कोई जीएसटी नहीं लगता लेकिन पिज्जा ब्रेड पर पांच फीसदी जीएसटी लगता है।1905 शीर्षक के तहत हारमोनाइज्ड कमोडिटी डिस्क्रिप्शन और कोडिंग सिस्टम ने पिज्जा ब्रेड, खाखरा, प्लेन चपाती, रोटी, रस्क, टोस्टेड ब्रेड को पांच फीसदी जीएसटी वाली श्रेणी में रखा है। इसी की तरह खाने के लिए तैयार श्रेणी के तहत बिना ब्रांड वाली नमकीन, भुजिया, मिक्सर पर पांच फीसदी टैक्स लगता है। जबकि ब्रांडेड नमकीन, भुजिया, मिक्सर पर 12 फीसदी जीएसटी लगता है।