Vikrant Shekhawat : Nov 28, 2021, 07:31 AM
बिहार के गरीबों को मार्च माह तक मुफ्त में अनाज मिलेगा। उन्हें लगभग 17 लाख टन अनाज फिर से मुफ्त में दिया जाएगा। इन अनाज की कीमत 51 अरब रुपये होगी। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का दूसरी बार विस्तार कर दिया है। अब यह योजना 31 मार्च तक चलेगी। इसके पहले कोरोना काल में शुरू हुई इस योजना का विस्तार महापर्व छठ तक किया गया था। लिहाजा इसी महीने इसकी अवधि समाप्त हो रही थी।प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत हर गरीब परिवार के हर सदस्य को पांच किलो अनाज मुफ्त में दिया जाता है। लिहाजा राज्य में हर महीने 4.35 लाख टन अनाज मुफ्त में बांटा जाता है। इसमें 2.57 लाख टन चावल और 1.74 लाख टन गेहूं शामिल है। लाभुकों की संख्या 8.71 करोड़ है। खास बात यह है कि मुफ्त मिलने वाला यह अनाज हर महीने पीडीएस दुकानों से कोटे के अनुसार मिलने वाले राशन से अलग है। इस हिसाब से अगले चार महीने में एफसीआई को लगभग 17 लाख टन अतिरिक्त अनाज की व्यवस्था करनी होगी। संस्था ने पीएम की घोषणा के साथ ही इस पर काम शुरू कर दिया है।सरकार ने गत वर्ष के कोरोना लहर में ही यह व्यवस्था की थी। अप्रैल 2020 में शुरू हुई योजना नवंबर तक चली। उसके बाद दूसरी लहर शुरू हुई तो मई 21 में योजना को फिर शुरू किया गया। इसे भी नवंबर तक ही चलना था लेकिन सरकार ने मार्च 22 तक विस्तार कर दिया। अब तक इस योजना के मद में लगभग 66 लाख टन अनाज बांटा जा चुका है। इसमें 39 लाख टन चावल और 26 लाख टन गेहूं बांटा गया है। औसत समर्थन मूल्य के हिसाब से जोड़ें तो सरकार कोराना काल में अब तक 195 अरब रुपये का अनाज मुफ्त बांट चुकी है।बिहार का आवंटन बढ़ाविस्तार के बाद केंद्र ने राज्य सरकार का आवंटन बढ़ा दिया है। जिलों के लाभुकों की संख्या के हिसाब से वितरण राज्य सरकार को करना है। केंद्र सरकार पहले 8.57 करोड़ लाभुकों के लिए ही अनाज देती थी। गत वर्ष छुटे हुए लाभुकों को जोड़कर केन्द्र ने 8.71 करोड लाभुकों के लिए अनाज देने की मंजूरी दे दी है।योजना का खर्च एक नजर में195 अरब का अनाज बंटा39 लाख टन चावल बंटा26 लाख टन गेहूं बांटालाभुकों की संख्या: 8.71 करोड़