Rajasthan News / अब नहीं होगा राजस्थान में बिजली संकट- 1.60 लाख करोड़ होंगे खर्च

राजस्थान में ऊर्जा क्षेत्र के विकास के लिए 1.60 लाख करोड़ रुपए का निवेश होगा। सीएम भजनलाल शर्मा ने थर्मल और रिन्यूएबल एनर्जी (अक्षय ऊर्जा) उत्पादन के नए प्रोजेक्ट्स के लिए राज्य सरकार के विद्युत निगमों और केंद्रीय उपक्रमों के बीच 5 एमओयू व 1 पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) पर हस्ताक्षर किए। सीएमओ में हुए कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंस से जुड़े केंद्रीय पावर और रिन्यूएबल एनर्जी मंत्री आर के सिंह ने कहा- राजस्थान में अब

Vikrant Shekhawat : Mar 10, 2024, 11:00 PM
Rajasthan News: राजस्थान में ऊर्जा क्षेत्र के विकास के लिए 1.60 लाख करोड़ रुपए का निवेश होगा। सीएम भजनलाल शर्मा ने थर्मल और रिन्यूएबल एनर्जी (अक्षय ऊर्जा) उत्पादन के नए प्रोजेक्ट्स के लिए राज्य सरकार के विद्युत निगमों और केंद्रीय उपक्रमों के बीच 5 एमओयू व 1 पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) पर हस्ताक्षर किए। सीएमओ में हुए कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंस से जुड़े केंद्रीय पावर और रिन्यूएबल एनर्जी मंत्री आर के सिंह ने कहा- राजस्थान में अब बिजली संकट नहीं होगा। देश में कोयले की अच्छी मात्रा में उपलब्धता है। राजस्थान में कोयले का संकट नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा- राजस्थान में एडिशनल यूनिट की शुरुआत कीजिए, केंद्र से पूरा सहयोग मिलेगा। राजस्थान जब देश में रिन्यूबल एनर्जी के सेक्टर में अग्रणी होगा तो पूरे देश में बिजली बेच सकेगा।

बिजली कंपनियों पर 1 लाख 39 हजार 200 करोड़ का कर्ज

राजस्थान में 31 हजार 825 मेगावाट से अधिक बिजली उत्पादन और ऊर्जा क्षेत्र के विकास के लिए प्रदेश के 3 विद्युत निगमों और 6 केंद्रीय उपक्रमों के बीच एमओयू व पीपीए हुए। एमओयू कार्यक्रम में सीएम भजन लाल शर्मा के साथ डिप्टी सीएम दीया कुमारी, ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर और मुख्य सचिव सुधांश पंत भी मौजूद रहे। केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े।

सीएम भजनलाल ने कहा- पिछली सरकार की गलत नीतियों, ऊर्जा विभाग और बिजली कंपनियों के कुप्रबंधन के कारण राज्य में लगातार बिजली संकट की स्थिति बनी रही। साल 2022-23 में सरकारी उत्पादन कंपनी लगभग 55 प्रतिशत बिजली उत्पादन क्षमता के साथ काम कर रही थी। बिजली उपलब्ध कराने के लिए महंगी बिजली एक्सचेंज से खरीद करनी पड़ रही है। साल 2022-23 में एक्सचेंज से 3 हजार 700 करोड़ रुपए से अधिक की बिजली खरीदने के कारण अतिरिक्त वित्त भार राजकोष (खजाने) पर पड़ा है। वर्तमान में डिस्कॉम्स पर लगभग 88 हजार 700 करोड़ रुपए सहित सभी बिजली कंपनियों पर 1 लाख 39 हजार 200 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज है।

सीएम ने कहा- प्रदेश में कोयला संकट था। हमने कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी से बात की। उनके आश्वासन के बाद प्रदेश में अब कोयला संकट नहीं होगा। राजस्थान आने वाले समय में बिजली के क्षेत्र में सरप्लस वाला राज्य बनकर सामने आएगा।

पांच साल तक महंगी बिजली खरीदी

ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा- बीते 5 साल में हमारे प्रदेश के बिजली घर कोयले के संकट से जूझ रहे थे। 5 साल तक प्रदेश में महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही थी। पहले राजस्थान को कोयला अधिक दर पर मिल रहा था। इस पर हमें 40% ज्यादा खर्च करना पड़ रहा था। पीएम ने कोयला मंत्रालय से बात कर इसे निर्धारित रेट पर उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है। अब हमारा प्रदेश बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बन सकेगा।

उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने कहा- राजस्थान पहले पावर संकट वाला राज्य कहलाता था। अब प्रदेश एनर्जी सेक्टर में अग्रणी राज्य बनने जा रहा है।

किस प्रोजेक्ट के लिए कौनसी कंपनी से एमओयू

राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (RVUNL) ने छबड़ा तापीय विद्युत परियोजना में 1600 मेगावाट कोयला आधारित प्रोजेक्ट के लिए एनटीपीसी और 25000 मेगावाट सौर/पवन परियोजना के लिए एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के साथ समझौता किया।

कोल इंडिया लिमिटेड के साथ 1600 मेगावाट पिट हेड कोयला आधारित परियोजना, 2250 मेगावाट सोलर परियोजना, 200 मेगावाट पन-विद्युत पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट और 50 मेगावाट विंड परियोजना सहित कुल 4100 मेगावाट के प्रोजेक्ट के लिए भी RVUNL की ओर से एमओयू किया गया।

125 मेगावाट की पिट हेड लिग्नाइट आधारित परियोजना और 1000 मेगावाट सोलर प्रोजेक्ट के लिए एनएलसी इंडिया लिमिटेड के साथ भी RVUNL एमओयू किया गया।

सुपर स्ट्रक्चर के विकास के लिए 20 हजार करोड़ का मिलेगा लोन

राज्य में सुपर स्ट्रक्चर के विकास के लिए राजस्थान सरकार के विभिन्न उपक्रमों को फाइनेंस उपलब्ध करवाने के लिए रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन (REC) लिमिटेड और राज्य सरकार के बीच भी एमओयू किया गया। इसके तहत REC लिमिटेड राज्य सरकार के विभिन्न विभागों, उपक्रमों, संस्थाओं और योजनाओं के लिए 20 हजार करोड़ रुपए का लोन हर साल उपलब्ध करवाएगी। इस एमओयू से बिजली, पानी, सिंचाई, मेट्रो, परिवहन और कृषि से संबंधित प्रोजेक्ट्स में वृद्धि होगी।