Vikrant Shekhawat : Aug 24, 2019, 10:22 AM
जन्माष्टमी की आप सभी को बहुत बहुत बधाई. जयपुर के आराध्य श्रीराधा-गोविंददेवज मंदिर में चार-पांच लाख लोगों का मेला जुटेगा। उधर, आमेर में मीरा के गिरधर पूजे जाएंगे। गिरधर की प्रतिमा, जिसे भक्त शिरोमणि मीरा ने पूजा था। प्रेम में मीरा ने अमर भजन रच दिए और अंत में मीरा इसी प्रतिमा में समा गईं थीं। आमेर के जगत शिरोमणि मंदिर में मीरा के इसी गिरधर के आज जन्म दर्शन होंगे।पंडितों का तर्क है कि शास्त्रों के अनुसार जिस रात्रि में चन्द्रोदय के समय भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि हो उस दिन जन्माष्टमी का व्रत रखना चाहिए. माताएं मां देवकी के समान पूरे दिन निराहार रहकर व्रत रखती हैं और रात्रि में भगवान के प्रकाट्य पर चन्द्रोदय के समय भगवान् चन्द्रदेव को अर्घ्य देकर अपने व्रत का पारण करती हैं.भाद्र पद कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि में उदय होने वाले चन्द्रमा के दर्शन सर्वाधिक शुभ माने गए हैं. मान्यता है कि चन्द्रवंश में इसी चन्द्रोदय के समय भगवान कृष्ण प्रकट हुए थे. ज्योतिषियों का कहना है कि यह चन्द्र उदय दर्शन का संयोग वर्ष में केवल एक ही बार होता है. इस बार यह संयोग 23 अगस्त की रात्रि को है. ऐसे में इसी दिन व्रत रखा जाना चाहिए.इससे अगले कई दिनों तक गोकुल में और अनेक स्थानों पर भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाता है. दरअसल, गोकुलवासियों को अगले दिन सुबह ही पता चला कि नंद घर आनंद भयो है और जन्मोत्सव शुरू हो गया.जन्माष्टमी की तिथि और शुभ मुहूर्त अष्टमी तिथि समाप्त: 24 अगस्त 2019 को सुबह 08 बजकर 32 मिनट तक.रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ: 24 अगस्त 2019 की सुबह 03 बजकर 48 मिनट से.