Janmashtami 2024 / इस बार बन रहा है जन्माष्टमी पर द्वापर युग वाला शुभ संयोग, इसी मुहूर्त में करें पूजा

आज कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस साल जन्माष्टमी पर द्वापर युग जैसा दुर्लभ संयोग बन रहा है। चंद्रमा वृषभ राशि में है और रोहिणी नक्षत्र में है, जैसे कृष्ण के जन्म समय था। सबसे शुभ पूजा मुहूर्त 26 अगस्त की मध्यरात्रि 12:01 से 12:45 तक है।

Vikrant Shekhawat : Aug 26, 2024, 08:41 AM
Janmashtami 2024: आज देशभर में कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। इस बार जन्माष्टमी पर बेहद ही शुभ और दुर्लभ संयोग बन रहा है, जो भक्तों के लिए अत्यंत फलदायी सिद्ध हो सकता है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस बार जन्माष्टमी पर कुछ ऐसे विशेष योग बन रहे हैं, जो भगवान कृष्ण के जन्म के समय के समान ही हैं। भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी मनाई जाती है, और इस बार की स्थिति विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। आइए जानें इस साल जन्माष्टमी के दिन कौनसे शुभ योग और मुहूर्त हैं जो पूजा के लिए सबसे उपयुक्त हैं।

जन्माष्टमी 2024 पर बन रहे शुभ योग

इस वर्ष जन्माष्टमी पर द्वापर युग जैसा योग बन रहा है। खास बात यह है कि इस साल चंद्रमा वृषभ राशि में और रोहिणी नक्षत्र में स्थित होगा, बिल्कुल वैसे ही जैसे द्वापर युग में भगवान कृष्ण के जन्म के समय था। धार्मिक मान्यता के अनुसार, कान्हा जी के जन्म के समय भी चंद्रमा वृषभ राशि में थे। इसके साथ ही, इस साल जन्माष्टमी के दिन सर्वाथ और जयंती योग भी बन रहा है। जयंती योग में व्रत करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। सोमवार के दिन जन्माष्टमी का होना इस पर्व को और भी विशेष बनाता है।

जन्माष्टमी 2024 के शुभ मुहूर्त

  • रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ: 26 अगस्त 2024 को दोपहर 3 बजकर 55 मिनट से
  • रोहिणी नक्षत्र समाप्त: 27 अगस्त 2024 को दोपहर 3 बजकर 38 मिनट तक
जन्माष्टमी की पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त निम्नलिखित हैं:

  • मध्यरात्रि पूजा मुहूर्त: 26 अगस्त 2024 की मध्यरात्रि 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक
  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4 बजकर 27 मिनट से सुबह 5 बजकर 12 मिनट तक
  • अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक
  • सर्वार्थसिद्धि योग: 26 अगस्त 2024 को दोपहर 3 बजकर 55 मिनट से अगले दिन सुबह 5 बजकर 39 मिनट तक
उपसंहार

जन्माष्टमी एक ऐसा पर्व है जिसे पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाना चाहिए। इस बार का विशेष संयोग और शुभ मुहूर्त भक्तों को अत्यधिक पुण्य और आशीर्वाद प्रदान करेगा। इस विशेष अवसर पर भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना से प्राप्त होने वाले फल को कई गुना अधिक माना जाता है। सभी भक्तों को इस पावन अवसर पर Zoom News की और से ढेरों शुभकामनाएं!

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। Zoom News एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)