Farmers Protest / लाल किले की घटना का जिक्र करते हुए राकेश टिकैत बोले- पुलिस ने गोली क्यों नहीं चलाई?

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने लाल किले की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि पुलिस ने गोली क्यों नहीं चलाई? उन्होंने यहां तक कहा कि पंजाब को देश से अलग करने की साजिश थी। टिकैत ने कहा कि अगर कोई घटना हुई है तो उसके लिए पूर्ण रूप से पुलिस दोषी है। उनको (प्रदर्शनकारियों) लाल किले तक जाने का रास्ता मुहैया कराया गया है। कोई लाल किले तक चला जाएं और पुलिस की एक गोली भी वहां न चले?

Farmers Protest: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने लाल किले की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि पुलिस ने गोली क्यों नहीं चलाई? उन्होंने यहां तक कहा कि पंजाब को देश से अलग करने की साजिश थी। टिकैत ने कहा कि अगर कोई घटना हुई है तो उसके लिए पूर्ण रूप से पुलिस दोषी है। उनको (प्रदर्शनकारियों) लाल किले तक जाने का रास्ता मुहैया कराया गया है। कोई लाल किले तक चला जाएं और पुलिस की एक गोली भी वहां न चले?

संयुक्त किसान मोर्चा के प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राकेश टिकैत ने ये बात कही। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आंदोलन जारी रहेगा। सभी लोग लंगर-भंडारे करते रहेंगे। युवाओं को डरने की जरूरत नहीं है। किसान संगठन को बदनाम करने की एक बड़ा साजिश थी।

वहीं अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि किसान आंदोलन को पहले दिन से ही बदनाम करना शुरू किया गया। 70 करोड़ किसान जो मेहनत कर देश को अन्न देता है वह देशद्रोही है, इस तरह देशद्रोही बोलने की हिम्मत किसकी होती है, जो देशद्रोही होता है, वही किसानों को देशद्रोही बोलते हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा ने ये जानकारी दी कि किसानों  का 1 फरवरी को होने वाला संसद मार्च स्थगित कर दिया गया है। 1 फरवरी को किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों के विरोध में संसद की पैदल मार्च करने वाले थे।

उधर दिल्ली पुलिस के कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि किसानों ने कल पुलिस के द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए पुलिस बैरिकेड तोड़कर हिंसक घटनाएं की। कुल मिलाकर 394 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और कुछ पुलिसकर्मी आईसीयू में हैं। हम दिल्ली में गैर-क़ानूनी तरीके से किए गए आंदोलन और उस दौरान हिंसा और लाल किले पर फहराए गए झंडे को बड़ी गंभीरता से ले रहे हैं। हिंसा करने वालों की वीडियो हमारे पास है, विश्लेषण हो रहा है।

पुलिस कमिश्नर ने कहा कि गाजीपुर में किसान नेता राकेश टिकैत के साथ जो किसान मौजूद थे उन्होंने भी हिंसा की घटना को अंजाम दिया और आगे बढ़कर अक्षरधाम गए, हालांकि पुलिस द्वारा कुछ किसानों को वापस भेजा गया लेकिन कुछ किसानों ने पुलिस बैरिकेड तोड़े और लाल किले पहुंचे। पहचान की जा रही है, गिरफ़्तारियां की जाएंगी। अब तक 25 से ज्यादा मामले दर्ज़ किए गए हैं। कोई भी अपराधी जिसकी पहचान होती है, उसे छोड़ा नहीं जाएगा। जो किसान नेता इसमें शामिल हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।