Zee News : Aug 28, 2020, 04:49 PM
नई दिल्ली: देशभर में जेईई और नीट परीक्षाओं (NEET, JEE 2020) के आयोजन के लिए सितंबर की तारीखें तय की गई हैं। जहां जेईई (JEE 2020) की परीक्षा 1 से 6 सितंबर के बीच करवाए जाने की संभावना जताई जा रही है, वहीं नीट (NEET) की परीक्षा 13 सितंबर को आयोजित करवाई जाएगी। हालांकि इन परीक्षाओं के आयोजन को स्थगित करने और 17 अगस्त को उच्चतम न्यायालय में खारिज हुई याचिका पर पुनर्विचार करने के लिए छह राज्यों ने न्यायालय से गुहार लगाई है।
परीक्षाएं स्थगित करवाना चाहते हैं ये राज्यजेईई और नीट परीक्षाओं का आयोजन राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (National Testing Agency - NTA) द्वारा करवाया जाता है। एजेंसी सितंबर में परीक्षाएं आयोजित करवाने की तैयारी कर चुकी है और एडमिट कार्ड्स (Admit Cards) भी जारी कर दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी एजेंसी द्वारा तय की गई तारीखों में परीक्षाएं आयोजित करने पर सहमति जताई है। हालांकि, देश के छह राज्यों ने उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की है। इन राज्यों में पंजाब, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र शामिल हैं। ये राज्य चाहते हैं कि 1 सितंबर से 6 सितंबर तक होने वाली इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन 2020 (JEE Main 2020) और 13 सितंबर को होने वाली मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट 2020 को स्थगित किया जाए। इन राज्यों में कोविड-19 के कारण परीक्षाएं आयोजित करवाया जाना संभव नहीं है।जारी हुए प्रवेश पत्रजहां ये राज्य पुनर्विचार याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ, एनटीए द्वारा जेईई मेन अप्रैल/सितंबर – 2020 और नीट (यूजी) 2020 प्रवेश परीक्षाओं के लिए प्रवेश जारी कर दिए गए हैं। इसमें एजेंसी द्वारा परीक्षा के लिए जरूरी निर्देशों के साथ ही कोविड-19 (COVID-19) महामारी के संबंध में आवश्यक सावधानियों और तैयारियों के लिए एसओपी भी उपलब्ध कराए गए हैं। इससे पहले एजेंसी अपनी ऑफिशियल वेबसाइट, nta।ac।in पर कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए निर्देश जारी कर चुकी है। जेईई मेन परीक्षा के लिए 8।58 लाख उम्मीदवारों ने पंजीकरण करवाया है तो वहीं नीट के लिए पंजीकृत उम्मीदवारों की संख्या 15।97 लाख है।सोशल मीडिया पर उठी विरोध की लहरसोशल मीडिया पर जेईई और नीट प्रवेश परीक्षा के आयोजन के विरोध में आवाज मुखर है। छात्र, अभिभावक व कई शिक्षाविद अपने-अपने तरीकों से विरोध दर्ज करवा रहे हैं, वहीं काफी बड़ी संख्या में लोग इस परीक्षा के पक्ष में भी हैं। विरोध करने वालों में कई जाने-माने नेता भी शामिल हैं। दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने भी सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। उनका कहना है कि कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए परीक्षाओं के लिए जरूरी व्यवस्थाएं करवा पाना मुमकिन नहीं है। वहीं सरकार का कहना है कि वे अपनी तरफ से सभी केंद्रों पर व्यवस्था सुनिश्चित कर रहे हैं।
परीक्षाएं स्थगित करवाना चाहते हैं ये राज्यजेईई और नीट परीक्षाओं का आयोजन राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (National Testing Agency - NTA) द्वारा करवाया जाता है। एजेंसी सितंबर में परीक्षाएं आयोजित करवाने की तैयारी कर चुकी है और एडमिट कार्ड्स (Admit Cards) भी जारी कर दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी एजेंसी द्वारा तय की गई तारीखों में परीक्षाएं आयोजित करने पर सहमति जताई है। हालांकि, देश के छह राज्यों ने उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की है। इन राज्यों में पंजाब, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र शामिल हैं। ये राज्य चाहते हैं कि 1 सितंबर से 6 सितंबर तक होने वाली इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन 2020 (JEE Main 2020) और 13 सितंबर को होने वाली मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट 2020 को स्थगित किया जाए। इन राज्यों में कोविड-19 के कारण परीक्षाएं आयोजित करवाया जाना संभव नहीं है।जारी हुए प्रवेश पत्रजहां ये राज्य पुनर्विचार याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ, एनटीए द्वारा जेईई मेन अप्रैल/सितंबर – 2020 और नीट (यूजी) 2020 प्रवेश परीक्षाओं के लिए प्रवेश जारी कर दिए गए हैं। इसमें एजेंसी द्वारा परीक्षा के लिए जरूरी निर्देशों के साथ ही कोविड-19 (COVID-19) महामारी के संबंध में आवश्यक सावधानियों और तैयारियों के लिए एसओपी भी उपलब्ध कराए गए हैं। इससे पहले एजेंसी अपनी ऑफिशियल वेबसाइट, nta।ac।in पर कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए निर्देश जारी कर चुकी है। जेईई मेन परीक्षा के लिए 8।58 लाख उम्मीदवारों ने पंजीकरण करवाया है तो वहीं नीट के लिए पंजीकृत उम्मीदवारों की संख्या 15।97 लाख है।सोशल मीडिया पर उठी विरोध की लहरसोशल मीडिया पर जेईई और नीट प्रवेश परीक्षा के आयोजन के विरोध में आवाज मुखर है। छात्र, अभिभावक व कई शिक्षाविद अपने-अपने तरीकों से विरोध दर्ज करवा रहे हैं, वहीं काफी बड़ी संख्या में लोग इस परीक्षा के पक्ष में भी हैं। विरोध करने वालों में कई जाने-माने नेता भी शामिल हैं। दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने भी सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। उनका कहना है कि कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए परीक्षाओं के लिए जरूरी व्यवस्थाएं करवा पाना मुमकिन नहीं है। वहीं सरकार का कहना है कि वे अपनी तरफ से सभी केंद्रों पर व्यवस्था सुनिश्चित कर रहे हैं।