विदेश / इराक में ऑक्सीजन टैंक में धमाके से कम-से-कम 82 लोगों की मौत व 110 घायल

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि इराक की राजधानी बगदाद के एक अस्पताल में ऑक्सीजन टैंक में धमाके से कम-से-कम 82 लोगों की मौत हो गई और 110 लोग घायल हो गए। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, "लोग इमारत से कूद रहे थे...डॉक्टर्स कारों पर गिर गए। मैं एक लड़की को कंधे पर उठाया और नीचे भागा।"

Vikrant Shekhawat : Apr 25, 2021, 05:16 PM
बगदाद: इराक की राजधानी बगदाद में कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज कर रहे एक अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर फटने से आग लगने के कारण शनिवार देर रात 82 लोगों की मौत हो गई और 110 अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि दमकलकर्मियों ने आग पर काबू पाने की कोशिश की और ‘इब्न अल-खातिब अस्पताल’ से मरीजों को बाहर निकाला। इस अस्पताल के गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में कोविड-19 के गंभीर मरीजों का इलाज किया जा रहा था।

घटनास्थल पर मौजूद डॉ. सबा अल-कुजै ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि कितने लोग मारे गए हैं, अस्पताल में कई जगह जले हुए शव हैं।’’ इराक के आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय ने बताया कि 82 लोगों के मारे जाने के अलावा कम से कम 110 लोग घायल हुए हैं। इस बीच, प्रधानमंत्री मुस्तफा अल कादिमी ने बगदाद स्वास्थ्य विभाग में अल-रुसफा क्षेत्र के लिए नियुक्त महनिदेशक को हटा दिया है। इसी इलाके में यह अस्पताल है। उन्होंने अस्पताल के निदेशक को भी उनके पद से हटा दिया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक आग की घटना के बाद प्रधानमंत्री ने बगदाद ऑपरेशन कमान में आपात बैठक बुलाई जिसमें इराकी सुरक्षा अधिकारियों ने समन्वय किया। बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह लापरवाही की वजह से हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे मामलों में लापरवाही गलती नहीं हो सकती, बल्कि अपराध है जिसके लिए सभी पक्ष जिम्मेदार हैं।’’ प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से 24 घंटे में मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा।

इराक में संयुक्त राष्ट्र की दूत जेनिन हेनिस प्लेसकार्ट ने घटना पर दुख व्यक्त किया और अस्पतालों में अधिक सुरक्षा उपाय करने का आह्वान किया। ऐसा बताया जा रहा है कि आग अस्पताल में कम से कम एक ऑक्सीजन सिलेंडर के फटने से लगी। इराक में कोविड-19 के रोज 8,000 से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं। सरकार लोगों से टीका लगवाने का अनुरोध कर रही है लेकिन देश की कमजोर स्वास्थ्य व्यवस्था और टीकों पर भरोसा न होने के कारण लोग आगे नहीं आ रहे हैं।