विश्व / पाक सुप्रीम कोर्ट ने 3 साल की जगह सेना प्रमुख को दिया सशर्त 6 माह का सेवा विस्तार

पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को सशर्त 6 महीने का सेवा विस्तार दिया है। सरकार को 6 महीने में इससे संबंधित कानून लाने का निर्देश दिया गया है। गौरतलब है, सुप्रीम कोर्ट ने पहले बाजवा को प्रधानमंत्री इमरान खान से अगस्त में मिले 3 साल के कार्यकाल विस्तार से जुड़ी अधिसूचना निलंबित कर दी थी।

Live Hindustan : Nov 28, 2019, 06:28 PM
जनरल कमर जावेद बाजवा 6 महीने और पाकिस्तान के सेना प्रमुख बने रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पाकिस्तान के सेना प्रमुख को कुछ शर्तों के साथ 6 महीने का सेवा विस्तार दे दिया। इन छह महीनों के दौरान पाकिस्तान की संसद को सेना प्रमुख की सेवा विस्तार/पुनर्नियुक्ति से जुड़ा कानून बनाना होगा। पाक सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। पीठ में प्रधान न्यायाधीश खोसा, न्यायमूर्ति मियां अजहर आलम खान मियांखेल और न्यायमूर्ति सैयद मंसूर अली शाह शामिल थे। 

प्रधानमंत्री इमरान खान ने 19 अगस्त को एक आधिकारिक अधिसूचना के जरिये जनरल बाजवा को तीन साल का कार्यकाल विस्तार दिया था। लेकिन शीर्ष अदालत ने अभी छह माह का विस्तार दिया है।

फैसले से पहले पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने निम्न चीजों को लेकर सरकार से हलफनामा मांगा था। 

- संसद को छह महीनों के भीतर इस संबंध में कानून बनाना होगा। 

- एक संशोधित अधिसूचना जारी करनी होगी। 

संशोधित अधिसूचना में निम्न चीजों को हटाया जाएगा- 

- सुप्रीम कोर्ट का जिक्र हटाया जाएगा। 

- सेना प्रमुख के तीन साल के कार्यकाल की अवधि

- सेना प्रमुख के मिलने वाले वेतन और इंसेनटिव्स 

यह मामला इसलिए अहम है क्योंकि पाकिस्तान बनने के बाद से सेना की मुल्क में अहम भूमिका रही है। यहां की सरकार में सेना की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष भूमिका हमेशा से रही है। ऐसा माना जाता है कि प्रधानमंत्री इमरान खान और जनरल कमर जावेद बाजवा में अच्छे संबंध हैं और अगर सुप्रीम कोर्ट बाजवा को हटाने का निर्देश देता है तो यह उनके लिए परेशान करने वाला होगा।

क्या है मामला 

प्रधानमंत्री इमरान खान ने 19 अगस्त को एक आधिकारिक अधिसूचना के जरिये जनरल बाजवा को तीन साल का कार्यकाल विस्तार दिया था। इसके पीछे उन्होंने क्षेत्रीय सुरक्षा माहौल का हवाला दिया था।

बाजवा का मूल कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त होने वाला है और यदि सुप्रीम कोर्ट ने उससे पहले उनके पक्ष में फैसला दिया तो वह इस पद पर बने रह सकते हैं। लेकिन इस मामले में पाक शीर्ष न्यायालय का फैसला बाजवा को और तीन साल इस पद पर रहने से रोक भी सकता है।

पाक सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की एक पीठ ने मंगलवार को कहा था- ''अब भी वक्त है। सरकार को अपने कदम वापस लेने चाहिए और यह सोचना चाहिए कि वह क्या कर रही है। वह एक उच्च पदस्थ अधिकारी के साथ कुछ इस तरह की चीज नहीं कर सकती। न्यायालय ने अटार्नी जनरल (एजी) अनवर मंसूर खान से कहा, ''आपने सेना प्रमुख को एक शटलकॉक में तब्दील कर दिया है।"

एजी सरकार की ओर से दलील पेश कर रहे हैं। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति को भेजा गया नया पत्र सेना प्रमुख की पुनर्नियुक्ति के लिये एक अनुरोध है। लेकिन राष्ट्रपति ने उनके कार्यकाल में विस्तार की अधिसूचना जारी की। न्यायालय ने कहा, ''सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह उन्हें (बाजवा को) फिर से नियुक्त करना चाहती है या नहीं।"

वहीं, खान ने इस गफलत की वजह कानून मंत्रालय द्वारा की गई लिपिकीय त्रुटि को जिम्मेदार ठहराया। प्रधान न्यायाधीश ने पूछा, ''आपने ऐसी त्रुटि कैसे की।"

प्रधानमंत्री खान ने इस जटिल स्थिति से निकलने के लिये कैबिनेट की एक आपात बैठक की। जनरल बाजवा खुद चर्चा में शामिल हुए।