India-Pakistan Relations / पाकिस्तान ने आखिरकार कबूला सच-करगिल युद्ध में कई जवानों ने दी थी प्राणों की आहुति

पाकिस्तान की सेना ने पहली बार 1999 के करगिल युद्ध में अपनी सीधी भागीदारी को स्वीकार किया है। रक्षा दिवस पर, सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने कहा कि हजारों पाक सैनिकों ने देश के लिए अपनी जान की कुर्बानी दी। इससे पहले पाकिस्तान ने इस युद्ध में अपनी भागीदारी को नकारा था।

Vikrant Shekhawat : Sep 08, 2024, 06:00 AM
India-Pakistan Relations: पाकिस्तान की सेना ने 1999 के करगिल युद्ध में अपनी भागीदारी की पुष्टि कर दी है। रक्षा दिवस पर, सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने स्वीकार किया कि इस युद्ध में पाकिस्तान के कई सैनिक मारे गए थे, जो अब तक नकारा जाता रहा था। जनरल मुनीर ने कहा कि यह युद्ध स्वतंत्रता के लिए लड़ाई का हिस्सा था, जिसमें 1948, 1965, 1971 और 1999 में पाकिस्तान के सैनिकों ने बलिदान दिया। पहले पाकिस्तानी सेना के किसी भी जनरल ने इस तरह का स्पष्ट बयान नहीं दिया था। पाकिस्तान ने शुरुआत में करगिल में कश्मीरी उग्रवादियों की भागीदारी का दावा किया था और मारे गए सैनिकों के शव लेने से इनकार कर दिया था। भारत ने इन सैनिकों का पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया था।

(वीडियो) : 06-09-2024)

(स्रोत: पीटीवी न्यूज)

जानिए पाक आर्मी चीफ ने क्या कहा?

जनरल मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान के लोग बहादुर हैं, जो स्वतंत्रता के महत्व और इसके लिए भुगतान करने के तरीके को समझते हैं। चाहे वह 1948, 1965, 1971 हो या 1999 का करगिल युद्ध, हजारों सैनिकों ने देश और इस्लाम के लिए इस युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी है। इस तरह के बयान से पहली बार 25 साल में  पाकिस्तानी सेना का ये कबूलनामा सामने आया है। बता दें कि इस आर्मी चीफ से  पहले पाकिस्तानी सेना के किसी भी जनरल ने पद पर रहते हुए कारगिल युद्ध को लेकर ऐसा स्पष्ट बयान नहीं दिया था।

पाकिस्तानी सेना ने आधिकारिक तौर पर भारत के साथ 1999 के कारगिल युद्ध में अपनी भागीदारी स्वीकार की है। रक्षा दिवस के मौके पर पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर का कहना है, ''1948, 1965, 1971 और 1999 में कारगिल में पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध में हजारों शहीदों ने देश के लिए अपनी जान कुर्बान की...''

पाकिस्तान शुरू से दावा करता रहा है कि करगिल युद्ध में कश्मीरी उग्रवादी शामिल थे, जिन्हें वह मुजाहिदीन बताता है। इस कारण वह करगिल युद्ध में मारे गए अपने सैनिकों के शवों को लेने से भी इनकार कर दिया था। पाकिस्तान के इस दावे के बाद भारत ने पूरे सैन्य सम्मान के साथ पाकिस्तानी सैनिकों का अंतिम संस्कार किया था।