India-Pak / पाकिस्तान ने कहा हम भारत के साथ रखना चाहते है शांतिपूर्ण संबंध, लेकिन माननी होगी यें 5 शर्तें

पाकिस्तान ने भारत के साथ बातचीत शुरू करने के लिए पांच शर्तें रखी हैं। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, डॉ मोईद यूसुफ ने भारतीय मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में कहा है कि पाकिस्तान भारत के साथ एक शांतिपूर्ण संबंध चाहता है और बातचीत के माध्यम से सभी विवादों को हल करना चाहता है।पाकिस्तान अधिकारी ने यह भी दावा किया है कि भारत ने बातचीत करने की इच्छा व्यक्त की थी

Vikrant Shekhawat : Oct 14, 2020, 03:44 PM
पाकिस्तान ने भारत के साथ बातचीत शुरू करने के लिए पांच शर्तें रखी हैं। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, डॉ मोईद यूसुफ ने भारतीय मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में कहा है कि पाकिस्तान भारत के साथ एक शांतिपूर्ण संबंध चाहता है और बातचीत के माध्यम से सभी विवादों को हल करना चाहता है।

पाकिस्तान अधिकारी ने यह भी दावा किया है कि भारत ने बातचीत करने की इच्छा व्यक्त की थी, लेकिन इस्लामाबाद ने वार्ता में कश्मीर को शामिल करने पर जोर दिया। हालांकि, भारत सरकार की ओर से इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई है। डॉ यूसुफ ने कहा कि भारत को कश्मीर से धारा 370 को खत्म करने का फैसला भी वापस लेना चाहिए। यूसुफ ने कहा कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त करना भारत का आंतरिक मामला नहीं है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र का मामला है।

हालांकि, भारत के साथ बातचीत के लिए, डॉ यूसुफ ने अपनी कुछ मांगों को भी सामने रखा है। उन्होंने कहा कि भारत को कश्मीर के सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा करना होगा, वहां सभी प्रतिबंधों को खत्म करना होगा और गैर-कश्मीरियों को बसाने वाले डोमिसाइल कानून को रद्द करना होगा। डॉ। यूसुफ ने एक गलत आरोप लगाया कि भारत को मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकना होगा और पाकिस्तान में सरकार द्वारा प्रायोजित आतंकवाद को समाप्त करना होगा।

5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार द्वारा कश्मीर की विशेष स्थिति को समाप्त कर दिया गया था। पाकिस्तान ने इस कदम की कड़ी आलोचना की थी। हालांकि, सभी प्रयासों के बावजूद, वह इस मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने में विफल रहा। डॉ। यूसुफ ने भारतीय खुफिया एजेंसी (RAW) पर पाकिस्तान में आतंकवाद की भूमिका निभाने का आरोप लगाया। डॉ। यूसुफ ने कहा, पाकिस्तान के पास सबूत है कि दिसंबर 2014 में पेशावर में हुए आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड रॉ के संपर्क में था।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारत ने पड़ोसी देश पाकिस्तान में अपने दूतावास का इस्तेमाल कर ग्वादर के फाइव स्टार होटल, कराची में चीनी वाणिज्यिक दूतावास और पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज में आतंकी हमले में मदद के लिए किया। बलूच अलगाववादियों के गुटों में शामिल होने के लिए भारत ने लगभग 1 मिलियन डॉलर खर्च किए।

डॉ यूसुफ ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान एक शांतिपूर्ण पड़ोसी चाहते थे लेकिन भारत की विस्तारवादी और हिंदुत्व की नीतियां शांति के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा बन गईं। उन्होंने कहा कि अगर भारत एक कदम उठाता है, तो पाकिस्तान दो कदम आगे बढ़ेगा। पाकिस्तान के अधिकारी ने कहा कि किसी भी बातचीत में कश्मीरी मुख्य पक्ष होंगे और उनकी भावनाओं का ध्यान रखा जाना चाहिए।