देश / संसद में बदली रणनीति के साथ सरकार की घेरेबंदी कर रहा विपक्ष, ऐसा है पूरा प्लान

सांसदों के निलंबन पर सरकार से दो-दो हाथ कर रहे विपक्ष ने रणनीति बदल ली है। सरकार की घेरेबंदी के साथ सदन में कामकाज का रास्ता निकाल लिया गया है। विपक्ष सरकार को सदन के भीतर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करके घेरना चाहता है। गुरुवार और शुक्रवार दोनों दिन विपक्ष ने सदन के भीतर और बाहर अपनी रणनीतिक बदलाव का स्पष्ट संकेत दिया। एक ओर गांधी प्रतिमा के समक्ष निलंबित सांसदों का धरना जारी है।

Vikrant Shekhawat : Dec 04, 2021, 07:32 AM
New Delhi : सांसदों के निलंबन पर सरकार से दो-दो हाथ कर रहे विपक्ष ने रणनीति बदल ली है। सरकार की घेरेबंदी के साथ सदन में कामकाज का रास्ता निकाल लिया गया है। विपक्ष सरकार को सदन के भीतर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करके घेरना चाहता है। गुरुवार और शुक्रवार दोनों दिन विपक्ष ने सदन के भीतर और बाहर अपनी रणनीतिक बदलाव का स्पष्ट संकेत दिया। एक ओर गांधी प्रतिमा के समक्ष निलंबित सांसदों का धरना जारी है। विपक्ष इस मुद्दे को जोर-शोर से सदन के बाहर उठा रहा है, वहीं सदन के भीतर अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा के बहाने विपक्ष अपनी बात पुरजोर तरीके से रख रहा है।

विपक्षी नेताओं ने फैसला किया है कि वे सदन को बाधित नहीं करेंगे और अहम मुद्दों पर चर्चा भी करेंगे। साथ ही निलंबित सांसद सदन से निलंबन के विरोध में गांधी प्रतिमा के पास धरना जारी रखेंगे। विपक्ष की रणनीति में बदलाव की वजह से ही गुरुवार को राज्यसभा देर शाम तक चली थी। शुक्रवार को भी सदन में सुचारू तरीक़े से काम हुआ।

उच्च सदन में कामकाज के साथ निजी विधेयक भी पेश

राज्यसभा में शुक्रवार को कार्यस्थलों पर महिलाओं को आरक्षण देने, पश्चिमी ओडिशा में उच्च न्यायालय की पीठ बनाने, अनाथ बालकों के कल्याण सहित विभिन्न प्रावधानों वाले कुल 21 निजी विधेयक पेश किए गए।

संविधान संशोधन विधेयक पर विरोध

इसके बाद भाजपा सदस्य केजे अल्फोंस आसन की अनुमति से संविधान (संशोधन) विधेयक 2021 (उद्देशिका का संशोधन) पेश करने के लिए खड़े हुए। इसका विरोध करते हुए राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा ने कहा कि इस विधेयक को सदन में पेश करने की अनुमति कैसे दी जा सकती है, क्योंकि यह संविधान की प्रस्तावना में संशोधन के प्रावधान वाला विधेयक है।

नहीं पेश हो पाया विधेयक

इस पर उपसभापति हरिवंश ने कहा कि नियमों के तहत इस विधेयक को सदन में रखा जा सकता है, किंतु इसे पेश करने या नहीं करने की अनुमति देने का काम सदन का है। इसके बाद संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने प्रस्ताव रखा कि इस विधेयक को पेश करने के बारे में व्यवस्था देने का काम आसन के लिए फिलहाल आगे के लिए टाल दिया जाए। उनके इस प्रस्ताव के बाद अल्फोंस का विधेयक पेश नहीं हो पाया।