Vikrant Shekhawat : Nov 30, 2024, 10:53 PM
Champions Trophy 2025: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की मेजबानी पाकिस्तान को मिली है, लेकिन भारत के टूर्नामेंट में भाग लेने से इनकार करने के कारण आयोजन पर सवाल खड़े हो गए हैं। दोनों देशों के बीच राजनीतिक और सुरक्षा कारणों से क्रिकेट संबंध लंबे समय से तनावपूर्ण रहे हैं। इस बार पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के बीच बातचीत के केंद्र में एक नया समाधान पेश किया गया है—हाइब्रिड मॉडल।
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 न केवल क्रिकेट का महोत्सव है, बल्कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक संबंधों का भी प्रतीक बन सकता है। सभी की निगाहें अब आईसीसी के अगले कदम और दोनों बोर्ड्स के बीच बातचीत पर टिकी हैं।
क्या है हाइब्रिड मॉडल का प्रस्ताव?
पीसीबी ने सुझाव दिया है कि यदि भारत पाकिस्तान का दौरा करने से इनकार करता है, तो उसके मैच दुबई या किसी तटस्थ स्थान पर आयोजित किए जाएं। इसके बदले में, पीसीबी ने यह शर्त रखी है कि 2031 तक भारत में होने वाले सभी आईसीसी टूर्नामेंट भी इसी मॉडल पर खेले जाएं।मोहसिन नकवी का बयान
पीसीबी के अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने इस मुद्दे पर अपने विचार स्पष्ट किए हैं। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य केवल क्रिकेट को बढ़ावा देना है, लेकिन इसके साथ ही पाकिस्तान की प्रतिष्ठा और सम्मान भी बनाए रखना होगा। नकवी ने यह भी कहा, "क्रिकेट को जीतना चाहिए, लेकिन सभी पक्षों के लिए समान शर्तें होनी चाहिए। हम वही करेंगे जो क्रिकेट और देश के लिए सबसे अच्छा होगा।"पाकिस्तान का बदला रुख
पहले पीसीबी ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा था कि यदि उन्हें मेजबानी के पूरे अधिकार नहीं दिए गए, तो वे टूर्नामेंट का बहिष्कार करेंगे। लेकिन अब पाकिस्तान इस मामले पर नरमी दिखा रहा है। बोर्ड ने कहा है कि वे एकतरफा व्यवस्था नहीं चाहते, बल्कि ऐसी प्रणाली चाहते हैं जो लंबे समय तक समान शर्तों पर कायम रहे।राजस्व में हिस्सेदारी की मांग
सूत्रों के अनुसार, पीसीबी ने यह भी मांग की है कि अगर हाइब्रिड मॉडल लागू होता है, तो उसे आईसीसी के राजस्व चक्र में अधिक हिस्सेदारी दी जाए। इसके अलावा, सुरक्षा चिंताओं के चलते भारत अपने मैच दुबई में खेलेगा, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबला भी शामिल होगा।चैंपियंस ट्रॉफी पर मंडराते सवाल
चैंपियंस ट्रॉफी फरवरी-मार्च 2025 में होनी है। लेकिन आयोजन को लेकर बढ़ते विवाद और दोनों देशों के बीच गतिरोध ने इसकी सफलता पर सवालिया निशान लगा दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आईसीसी इस स्थिति को कैसे सुलझाता है और क्रिकेट के सर्वोत्तम हित में क्या फैसला लिया जाता है।आगे का रास्ता
यह स्पष्ट है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंध केवल खेल तक सीमित नहीं हैं। लेकिन क्रिकेट के लिए इस गतिरोध को सुलझाना जरूरी है। क्या हाइब्रिड मॉडल इस विवाद का समाधान होगा या दोनों पक्ष किसी अन्य व्यवस्था पर सहमत होंगे, यह आने वाले महीनों में स्पष्ट हो जाएगा।निष्कर्षचैंपियंस ट्रॉफी 2025 न केवल क्रिकेट का महोत्सव है, बल्कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक संबंधों का भी प्रतीक बन सकता है। सभी की निगाहें अब आईसीसी के अगले कदम और दोनों बोर्ड्स के बीच बातचीत पर टिकी हैं।