Zee News : Apr 09, 2020, 03:50 PM
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coroanvirus) संक्रमण के बीच आम लोग बचाव के लिए कुछ भी करने को तैयार दिख रहे हैं। हाल ही में अमेरिका के डॉक्टरों द्वारा कोरोना वायरस बचाव के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) का इस्तेमाल का पता चला है। लेकिन अब यही खोज भारत में समस्या का रूप लेने लगी है। बताते चलें कि ये वही दवा है जिससे अमेरिका कोरोना वायरस को ठीक करने का दावा कर रहा है।
दिल्ली के बीएलके अस्पताल के डॉक्टर संदीप नायर ने Zee News डिजिटल को बताया कि पिछले महीने भर में कई मरीजों ने कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की दवा मांगी है। लोग कभी फोन पर तो कभी अस्पताल आकर दवा लिखने को कह रहे हैं। कई मरीज पुरानी डॉक्टर की पर्ची दिखा कर भी दुकानों से ये दवा खरीद रहे हैं। डॉ। नायर का कहना है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन सिर्फ मलेरिया (Malaria) के उपचार में ही इस्तेमाल होता है। लेकिन लोग इससे कोरोना वायरस का इलाज होने की खबर पढ़ने के बाद इसकी मांग करने लगे हैं। हालांकि सभी मरीजों को डॉक्टर ने ये दवा लिखने से मना कर दिया है।
बिना सलाह ये दवा लेना बहुत घातक हो सकता है
राममनोहर लोहिया अस्पताल में मेडिसीन विभाग के पूर्व निदेशक डॉ। मोहसिन वली का कहना है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन सिर्फ कोरोना वायरस हो जाने के बाद ही कुछ मरीजों को दिया जाता है। इसके बावजूद कई पढ़े-लिखे और समझदार लोग इस दवा को बचाव के लिए इस्तेमाल करने के बारे में पूछ चुके हैं। डॉ। वली का कहना है कि अगर किसी दिल के मरीज या 15 साल से कम उम्र के बच्चे को इस एंटी-मलेरिया की खुराक दे दी जाए तो इससे मौत भी हो सकती है। इसलिए लोगों को इस दवा से दूरी बनाकर रखना चाहिए।बताते चलें कि हाल ही में अमेरिका ने कोरोना वायरस के इलाज में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को सबसे कारगर दवा पाया है। यही वजह है कि उन्होंने प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से इस दवा की मांग की है। चीन, फ्रांस और दक्षिण कोरिया में भी कई मरीजों का इलाज इसी एंटी-मलेरिया की दवा से हुआ है। लेकिन भारत में अब लोगों ने इस दवा को कोरोना वायरस फैलने से पहले ही बचाव के लिए खाना शुरू कर दिया है।
दिल्ली के बीएलके अस्पताल के डॉक्टर संदीप नायर ने Zee News डिजिटल को बताया कि पिछले महीने भर में कई मरीजों ने कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की दवा मांगी है। लोग कभी फोन पर तो कभी अस्पताल आकर दवा लिखने को कह रहे हैं। कई मरीज पुरानी डॉक्टर की पर्ची दिखा कर भी दुकानों से ये दवा खरीद रहे हैं। डॉ। नायर का कहना है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन सिर्फ मलेरिया (Malaria) के उपचार में ही इस्तेमाल होता है। लेकिन लोग इससे कोरोना वायरस का इलाज होने की खबर पढ़ने के बाद इसकी मांग करने लगे हैं। हालांकि सभी मरीजों को डॉक्टर ने ये दवा लिखने से मना कर दिया है।
बिना सलाह ये दवा लेना बहुत घातक हो सकता है
राममनोहर लोहिया अस्पताल में मेडिसीन विभाग के पूर्व निदेशक डॉ। मोहसिन वली का कहना है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन सिर्फ कोरोना वायरस हो जाने के बाद ही कुछ मरीजों को दिया जाता है। इसके बावजूद कई पढ़े-लिखे और समझदार लोग इस दवा को बचाव के लिए इस्तेमाल करने के बारे में पूछ चुके हैं। डॉ। वली का कहना है कि अगर किसी दिल के मरीज या 15 साल से कम उम्र के बच्चे को इस एंटी-मलेरिया की खुराक दे दी जाए तो इससे मौत भी हो सकती है। इसलिए लोगों को इस दवा से दूरी बनाकर रखना चाहिए।बताते चलें कि हाल ही में अमेरिका ने कोरोना वायरस के इलाज में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को सबसे कारगर दवा पाया है। यही वजह है कि उन्होंने प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से इस दवा की मांग की है। चीन, फ्रांस और दक्षिण कोरिया में भी कई मरीजों का इलाज इसी एंटी-मलेरिया की दवा से हुआ है। लेकिन भारत में अब लोगों ने इस दवा को कोरोना वायरस फैलने से पहले ही बचाव के लिए खाना शुरू कर दिया है।